- क्या कन्हैया कुमार की धमक से असहज महसूस कर रहे हैं तेजस्वी यादव पटना, (ईएमएस)। विश्वविद्यालय की राजनीति से उभरे युवा नेता कन्हैया कुमार ने काफी कम समय में ही देश की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। वामपंथी दलों से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले कन्हैया कुमार अब बिहार में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक बन गए हैं। हालांकि, बुधवार को बिहार में मतदाता सूचियों की समीक्षा के खिलाफ महाअघाड़ी द्वारा बुलाए गए बिहार बंद के दौरान हुई एक घटना की राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है। दरअसल हुआ यूं कि महाअघाड़ी द्वारा बुलाए गए बिहार बंद के दौरान पटना में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में एक मार्च निकाला गया था। इस मार्च के दौरान, युवा कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने उस रथ पर चढ़ने की कोशिश की जिस पर राहुल गांधी खड़े थे। मगर सुरक्षाकर्मियों ने कन्हैया कुमार को रोक दिया। इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब कन्हैया कुमार ने उस रथ पर चढ़ने की कोशिश की जिस पर राहुल गांधी खड़े थे, तो वहां सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस रथ पर राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, मुकेश सहनी और अन्य विपक्षी दल के नेता मौजूद थे। इस बीच, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में से एक होने के बावजूद कन्हैया कुमार को राहुल गांधी के साथ रथ पर चढ़ने से रोके जाने की घटना बिहार के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस में अंदरूनी कलह के कारण यह घटना हुई होगी। वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया गया होगा। तो कुछ लोगों का कहना है कि बिहार में कन्हैया कुमार की धमक से तेजस्वी यादव असहज महसूस कर रहे हैं जिसके चलते फ़िलहाल राहुल गाँधी भी अपने फायर ब्रांड नेता कन्हैया कुमार को वेट एंड वाच पर रखे हुए हैं। दरअसल यह बात पिछले काफी समय से सुनी जा रही है कि लालू यादव का परिवार बिहार में कन्हैया कुमार को आगे नहीं बढ़ने देखना चाहती है क्योंकि इससे तेजस्वी यादव के सामने चुनौती खड़ा हो सकता है। हालाँकि, इस घटना पर कन्हैया कुमार की फ़िलहाल आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है। मगर इस पूरी घटना ने बिहार में सत्ता हासिल करने के लिए मज़बूत मोर्चा बना रहे महागठबंधन में चल रही कलह को उजागर कर दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आगे बिहार में महागठबंधन को कैसे बरकरार रखने की कोशिश करती है। संतोष झा- ०९ जुलाई/२०२५/ईएमएस