खेल
10-Jul-2025
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कोलकाता (ईएमएस)। इंग्लैंड दौर में अपनी शानदार गेंदबाजी से सभी को प्रभावित करने वाले आकाश दीप के लिए यहां तक का सफर बेहद कठिन रहा है। आकाशदीप की जिंदगी में कई मुश्किलें आईं पिता और भाई की मौत से वह टूट गये थे पर उन्होंने बाद में अपने को मजबूत कर करियर पर ध्यान दिया। बंगाल के पूर्व कोच अरुण लाल ने कहा है कि आकाश दीप क्रिकेटर बनने जिस जगह रहे हैं वहां के हालात भी इतने खराब थे कि जिंदा रहना कठिन था पर आकाश ने कभी कोई शिकायत नहीं की। इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट में उन्हें मौका नहीं मिला था। दूसरे टेस्ट में जसप्रीत बुमराह के नहीं खेलने की वजह से उन्हें अंतिम ग्यारह में जगह मिली और उन्होंने इस अवसर का पूरा लाभ उठाते हुए रिकार्ड बना दिया। उन्होंने एजबेस्टन टेस्ट में 187 रन देकर 10 विकेट लिए जो इंग्लैंड में किसी भी भारतीय गेंदबाज का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। आकाश दीप बिहार के सासाराम के रहने वाले हैं पर वह रणजी ट्रॉफी में पश्चिम बंगाल की तरफ से खेलते हैं। पूर्व कोच अरुण लाल ने आकाश के संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा है कि वह बेहद कठिन हालातों में ऐसी जगह रहे हैं जिसमें जिंदा रहना तक कठिन था। अरुण लाल ने कहा, ‘वह कैब क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (कैब) की डोरमेट्री में रहते थे जो बेहद खराब हालत में थी। अब मैं निश्चित हूं कि अब वह बेहतर है लेकिन उसने कभी भी, एक बार भी नहीं कहा कि उसे किसी तरह की कोई समस्या है। 3 से 4 साल में मैंने एक बार भी उससे कोई शिकायत नहीं सुनी।’ अरुण लाल ने बताया कि कैसे वह एक बार आकाश दीप की डॉरमिटरी में उनसे मिलने चले गए थे तो उन्हें वहां के भयावह हालात का अंदाजा हुआ। लाल ने कहा, मैं जब वहां पहुंचा और डॉरमिटरी को देखा तो डर गया। वह असहनीय था। वह नरक जैसी थी। मुझे लगा कि लोग तो यहां बीमारी से मर जाएंगे। अरुण लाल शुरुआत से ही आकाश दीप की प्रतिभा से बहुत प्रभावित रहे हैं। उन्होंने कहा कि उसके पास गति है, ताकत और जज्बा और बिना शिकायत के लक्ष्य की ओर चलने का हौंसला है। गिरजा/ईएमएस 10 जुलाई 2025