-पालतू शेर के महिला और बच्चों पर हमले के बाद जागा प्रशासन करांची,(ईएमएस)। पाकिस्तान में शेरों को पालने का चलन है। इसी बीच एक पालतू शेर ने एक महिला और दो बच्चों पर हमला कर दिया है जिससे शेर पालने को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। पाकिस्तान में बहुत से लोग गैर-कानूनी तरीके से शेर पालते हैं। मीडिया रिपोर्ट में एक पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने पंजाब में गैर-कानूनी तरीके से पाले गए 18 शेरों को जब्त कर लिया है। बीते हफ्ते पंजाब के लाहौर में पिंजरे से भागे पालतू शेर ने एक महिला और दो बच्चों को घायल कर दिया था जिसे बाद प्रांत में शेर रखने वालों के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा थ। हमले में महिला को मामूली चोट और खरोंच आई जबकि पांच और सात साल के दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। शेर के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने गैर-कानूनी रूप से पाले गए शेरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन वहां पालतू शेरों को रखने पर पाबंदी लगा पाना मुश्किल है। पाकिस्तान के लोग समाज में अपना दबदबा दिखाने के लिए अक्सर शेर पालते हैं। पिछले एक दशक में सोशल मीडिया के कारण पाकिस्तान में शेरों को पालना और बढ़ गया है। पंजाब के वन्यजीव एवं उद्यान विभाग का कहना है कि पूरे प्रांत में घरों और प्रजनन फार्मों में 584 शेर और बाघ हैं। एक प्रोफेसर ने पाकिस्तान में पशुओं के कानून पर काम किया है। वो कहती हैं कि पाकिस्तान में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने अवैध तरीके से शेर पाल रखे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे कुछ दोस्त मुझे बताते हैं कि उन्होंने कई लोगों के घरों में शेर देखे हैं। वह बताते हैं कि कुछ लोग कार की पिछली सीट पर शेर बिठाकर ले जाते हैं और कुछ तो अपने पालतू शेरों को ऐसे घुमाते हैं जैसे वह कुत्ते को घुमा रहे हों। उन्होंने कहा कि लोग शेरों को अपने घरों के पिछवाड़े में खाली जगह पर खराब परिस्थितियों में रखते हैं। लोग उनके पंजे काट देते हैं, उन्हें हमेशा बेहोश रखा जाता है और सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए उनका इस्तेमाल किया जाता है। शेर के बच्चों के धारदार पंजे बचपन में ही काट दिए जाते हैं ताकि वो किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सके लेकिन इस दर्दनाक प्रक्रिया के कारण शेर और ज्यादा आक्रामक होते जाते हैं। पाकिस्तान में हाल के समय में सोशल मीडिया की वजह से शेरों को पालतू बनाकर रखने का ट्रेंड बढ़ा है लेकिन वहां ऐतिहासिक रूप से शेर और बाघ पाले जाते रहे हैं। बाघ पाकिस्तान की तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएलएन) का चुनाव चिन्ह है। पार्टी के संस्थापक नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के पीएम रह चुके हैं। पार्टी का राजनीतिक रैलियों में अकसर बाघ को देखा जाता रहा है। पाकिस्तान में हाल के दशकों में पालतू शेर और बाघ सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं जहां उनके मालिक उन्हें विलासिता और धन-संपत्ति का प्रतीक बताकर उनकी शान-शौकत का बखान करते हैं। कुछ शेरों का इस्तेमाल शादी की तस्वीरों में प्रॉप्स के तौर पर भी किया जाता है और कभी-कभी शेर के बच्चे को शादी के तोहफे में भी दिया जाता है। मार्च 2022 में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पाकिस्तान की एक टिकटॉक सेलिब्रिटी को उनके सहकर्मी के पालतू शेर ने झपट्टा मार दिया था। उन्हें किसी तरह की चोट नहीं आई थी लेकिन वायरल वीडियो ने शेरों को पालने पर कई सवाल खड़े कर दिया था। पाकिस्तान में बिना लाइसेंस के शेर पालने पर सात साल जेल की सजा होती है। हाल ही में पंजाब प्रांत की सरकार ने कहा था कि वो पालतू बाघों और तेंदुओं की नसबंदी भी कराएगी। सिराज/ईएमएस 13 जुलाई 2025