राष्ट्रीय
16-Jul-2025


नई दिल्ली,(ईएमएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बायोस्टिमुलेंट की बिक्री को लेकर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। सख्त रवैये के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बायोस्टिमुलेंट के मामले में हम किसानों के साथ किसी भी हालत में धोखा नहीं होने देंगे। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि वे कोई भी अनुमति देते समय किसानों की सूरत को ध्यान में रखें, हम देश के छोटे किसानों के साथ किसी भी हालत में अन्याय नहीं होने देंगे। शिवराज सिंह ने कहा कि कुछ बेईमान गड़बड़ियां कर रहे हैं, जिनसे किसानों को बचाना मेरी जवाबदारी है। ज्ञात हो कि बायोस्टिमुलेंट जैव-उत्तेजक प्राकृतिक या कृत्रिम पदार्थ होते हैं जिनका उपयोग बीजों, पौधों और मिट्टी पर किया जा सकता है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में देशभर में चलाए गए पंद्रह दिवसीय ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान जब वे राज्यों में प्रवास कर गांव-गांव, खेतों में गए थे और किसानों से सीधा संवाद किया था, इस दौरान कई किसानों ने नकली खाद, नकली बीज, नकली उर्वरक, बायोस्टिमुलेंट तथा नैनो यूरिया की बिक्री को लेकर शिकायतें की थी। उन्होंने बैठक में कहा कि भोले-भाले किसानों से शिकायतें मिलने के बाद मैं चुप नहीं बैठ सकता, किसान सर्वोपरि हैं। देश का कृषि मंत्री होने के नाते मेरी जवाबदारी है कि इस संबंध में कार्रवाई करूं। शिवराज सिंह ने अनेक गंभीर सवाल खड़े करते हुए बैठक में अधिकारियों से कहा कि देश में बायोस्टिमुलेंट कई सालों से बिक रहा है और एक-एक साल करके इसकी बिक्री की अनुमति की अवधि बढ़ाई जाती रही है, लेकिन फील्ड से कई बार शिकायतें आती है कि इससे कोई फायदा नहीं है, फिर भी ये बिक रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी समीक्षा करना आवश्यक है कि इससे कितना फायदा किसानों को हो रहा है, यदि नहीं तो बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। बिना अर्थ के हजारों कंपनियां इसकी बिक्री करने लग गई, लेकिन कृषि मंत्री होते हुए अब मैं किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने दूंगा। केंद्रीय मंत्री ने अनेक सवाल खड़े करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि बायोस्टिमुलेंट के इतिहास, आज की स्थिति, पंजीकृत उत्पादों की संख्या, बाजार में इसकी बिक्री को नियंत्रित करने के उपाय, सेम्पलिंग या टेस्टिंग की व्यवस्था है या नहीं, असली-नकली की पहचान के तरीके और गड़बड़ होने की स्थिति में कार्रवाई के लिए प्रावधान की पूरी जानकारी दें। शिवराज सिंह ने निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के भरोसे के लिए बायोस्टिमुलेंट का आईसीएआर से परीक्षण भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसान हमारे लिए सर्वोपरि है, इसलिए यह देखा जाए कि किसानों के लिए ये तकनीकी रूप से कितने उपयोगी हैं। उन्होंने अधिकारियों के प्रति इस बात के लिए काफी नाराजगी व्यक्त की कि कुछ सालों तक 30 हजार बायोस्टिमुलेंट उत्पाद बिकते रहे और अधिकारियों द्वारा इसपर आपत्ति नहीं जताई गई। वीरेंद्र/ईएमएस/16जुलाई2025 ---------------------------------