ज़रा हटके
17-Jul-2025
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जेनेवा,(ईएमएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एचआर्इवी की रोकथाम के लिए लेनाकापाविर के इस्तेमाल को मंज़ूरी दे दी है। यह दवा एचआईवी की रोकथाम की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें एचआईवी संक्रमण का ज़्यादा जोखिम होता है, जैसे सेक्स वर्कर या एचआईवी मरीजों के इलाज व देखभाल से जुड़े लोग। डब्ल्यूएचओ ने वैश्विक एचआईवी रोकथाम के प्रयासों को मज़बूत करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं और तभी लॉन्ग-टर्म सुरक्षा देने वाली एंटीरेट्रोवायरल दवा को हरी झंडी मिली है। लेनाकापाविर को मंज़ूरी देने की घोषणा 14 जुलाई को रवांडा की राजधानी किगाली में आयोजित 13वें अंतर्राष्ट्रीय एड्स सोसाइटी सम्मेलन में की गई। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने भी लेनाकापाविर को पहले ही अनुमति दे दी थी। एचआईवी की रोकथाम के लिए यह इंजेक्शन साल में सिर्फ दो बार प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस उपचार के तौर पर दिया जाता है। इस इंजेक्शन को 2022 में एचआईवी के इलाज के लिए मंज़ूरी मिली थी और ट्रायल के दौरान यह एचआईवी संक्रमण से बचाने में बेहद असरदार साबित हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने कहा कि, हालांकि एचआईवी का टीका अभी तक नहीं बना है लेकिन यह नई दवा इस साल में केवल दो बार लेने की ज़रूरत होती है अभी की सबसे अच्छी नई दवा है। डब्ल्यूएचओ का यह कदम दुनिया भर में एचआईवी रोकथाम के वित्तपोषण में आ रही कमी के कारण उठाया गया है। यह चिंता का विषय है कि सिर्फ 2024 में ही करीब 13 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हुए। इसमें से ज़्यादातर लोग सेक्स वर्कर, पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुष, ट्रांसजेंडर, नशीली दवाओं का इंजेक्शन लगाने वाले लोग, जेल में बंद लोग और बच्चे व किशोर थे, जिन्हें संक्रमण का उच्च जोखिम होता है। लेनाकापाविर अमेरिकी दवा कंपनी गिलियड साइंसेज ने बनाया है। यह कैप्सिड इन्हिबिटर नामक दवाओं के एक नए समूह से संबंधित है, जो एचआईवी रेप्लिकेशन साइकल के कई चरणों को बाधित करके काम करती है। यह इंजेक्शन लंबे समय तक मानव शरीर में असरदार रहता है और गोलियों व बाकी ट्रीटमेंट्स की तुलना में ज़्यादा शक्तिशाली है। इसकारण यह उन लोगों के लिए बहुत मददगार साबित होगा जिन्हें एचआईवी संक्रमण होने का खतरा ज़्यादा होता है। आशीष/ईएमएस 17 जुलाई 2025