नई दिल्ली,(ईएमएस)। मध्य-पूर्व में बने हुए तनाव के बीच भारत ने ईरान में अपने नागरिकों के लिए एक जरूरी परामर्श जारी किया है। जिसमें उन्हें उभरते हुए हालातों को देखते हुए ईरान में किसी भी प्रकार की गैर-आवश्यक यात्रा न करने की सलाह दी गई है। यह जानकारी ईरान में भारतीय दूतावास ने अपनी एक एक्स पोस्ट के जरिए दी है। जिसमें कहा गया है कि बीते कुछ सप्ताहों से बने हुए सुरक्षा घटनाक्रमों के बीच भारतीय नागरिक ईरान में अपनी तमाम गैर-जरूरी यात्राओं से बचें और लगातार क्षेत्रीय गतिविधियों पर नजर बनाए रखें। इसके अलावा ईरान में किसी भी यात्रा से पहले भारतीय अधिकारियों-प्राधिकारियों द्वारा जारी किए जाने वाले अपडेटेड परामर्श पर ध्यान दें। मालूम हो कि दूतावास का यह परामर्श इजरायल-ईरान युद्ध से जुड़ा हुआ है। जिसमें अभी फिलहाल दोनों देशों के बीच युद्धविराम लागू (13 जून 2025 से) है। लेकिन क्षेत्र में हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं। इसलिए ये कहना मुश्किल है कि युद्ध के बीच बनी हुई यह अस्थायी शांति कब तक कायम रहेगी। दोनों देशों के मध्य तनाव के बीच भारत ने बातचीत और कूटनीति के जरिए समस्या के समाधान पर जोर दिया है। दूतावास के मुताबिक, ईरान में मौजूद भारत के नागरिक अगर इस संवेदनशील परिस्थिति के बीच वहां से बाहर निकलना चाहते हैं। तो उनके लिए वाणिज्यिक उड़ान सेवाओं के साथ ही नौका सेवा का विकल्प भी मौजूद है। ईरान में भारतीयों की कुल संख्या करीब 10 हजार है। जिसमें मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों की तादाद अधिक है। वहीं, मौजूदा तनाव के बीच भारत ने ऑपरेशन सिंधु के जरिए बीते समय में 800 से अधिक भारतीयों की ईरान से सुरक्षित स्वदेश वापसी कराई है। यह अभियान फिलहाल जारी है, भारत की ईरान के समूचे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनी हुई है। पिछले मंगलवार को चीन के तियानजिन में आयोजित किए गए शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों की एक मुलाकात भी हुई थी। जिसे लेकर डॉ.जयशंकर ने प्रसन्नता जाहिर की थी। ऑपरेशन सिंधु के दौरान भारत को ईरान का पूरा सहयोग मिला था और उसने भारत के नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए अपनी हवाई सीमा-क्षेत्र भी खोल दिया था। जिसे इजरायल के साथ युद्ध की वजह से बंद कर दिया गया था। वीरेंद्र/ईएमएस/17जुलाई2025