- एनआईटीईएस ने श्रम मंत्रालय से की शिकायत नई दिल्ली (ईएमएस)। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की नई बेंच पॉलिसी को लेकर विवाद हो गया है। नेसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (एनआईटीईएस) ने इस नीति को शोषणकारी और अमानवीय बताते हुए श्रम और रोजगार मंत्रालय को एक पत्र लिखा है। टीसीएस ने हाल ही में एक नई बेंच पॉलिसी लागू की है, जिसके तहत कर्मचारी अधिकतम 35 दिनों तक बिना प्रोजेक्ट के रह सकते हैं। इसके बाद उनके करियर में गिरावट या नौकरी जाने का खतरा बना रहता है। कंपनी का कहना है कि कर्मचारियों को साल में कम से कम 225 दिन प्रोजेक्ट पर कार्य करना जरूरी है, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। एनआईटीईएस के अध्यक्ष का कहना है कि यह नीति कर्मचारियों पर मानसिक दबाव डालती है और उन्हें संस्थागत रूप से डर के माहौल में धकेलती है। उन्होंने कहा कि ये कर्मचारी नॉन-परफॉर्मर नहीं, बल्कि कुशल पेशेवर हैं, जो अस्थायी रूप से बिना प्रोजेक्ट के होते हैं। प्रोजेक्ट न मिलने की स्थिति कई बार बिजनेस प्राथमिकताओं या आंतरिक प्रक्रियाओं की विफलता का परिणाम होती है, जिसकी जिम्मेदारी कंपनी की होनी चाहिए, कर्मचारियों की नहीं। एनआईटीईएस का आरोप है कि यह पॉलिसी कर्मचारियों को लगातार निगरानी और दबाव में रखती है, जिससे वे खुद को केवल एक बोझ की तरह महसूस करने लगते हैं। यूनियन ने मंत्रालय से हस्तक्षेप कर इस नीति की जांच और सुधार की मांग की है। सतीश मोरे/17जुलाई ---