मोतिहारी,(ईएमएस)। दुनियाभर के युवाओं तक सनातन धर्म की भावना को सरल भाषा में पहुंचाने के उद्देश्य से बिहार के पूर्वी चंपारण की आराध्या सिंह ने अनोखा कमाल किया है, जो न केवल सराहनीय है बल्कि प्रेरणादायी भी है। महज 14 साल की उम्र में उन्होंने हनुमान चालीसा का 234 भाषाओं में अनुवाद किया है। उनकी इस ख्याति की हर तरफ चर्चा हो रही है। आराध्या ने कुल 234 भाषाओं में हनुमान चालीसा का अनुवाद किया है। इसमें मैथिली, भोजपुरी, संस्कृत, अंग्रेजी, कोरियन, जापानी और लैटिन सहित कई अन्य देसी और विदेशी भाषाएं शामिल हैं। आराध्या सिंह ने बताया कि हनुमान चालीसा के ट्रांसलेशन में उन्हें 6 माह का समय लगा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल छठ पर्व के समय उन्होंने इस काम की शुरुवाती की थी। हर भाषा के भाव और भावार्थ को समझकर सावधानीपूर्वक इस काम को करते हुए 6 महीने में 234 भाषाओं में हनुमान चालीसा के अनुवाद पूरा किया है। इस बारे में आराध्या बताती हैं कि इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य देश-विदेश में रहने वाले युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ना है। उनका एकमात्र लक्ष्य धार्मिक आस्था को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। मेरी कोशिश है कि युवा हनुमान चालीसा पढ़ें, समझें और इसका पाठ करें। आराध्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की सराहना कर कहा कि एलजेपीआर अध्यक्ष ने उन्हें कई बार इस काम के लिए प्रेरित कर प्रोत्साहन दिया। जिस वजह से 234 भाषाओं में हनुमान चालीसा का अनुवाद कर पाना संभव हुआ। वहीं अपनी रचना को लेकर उन्होंने बताया कि 234 भाषाओं में हनुमान चालीसा का अनुवाद करने बाद वह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए आवेदन की तैयारी में हैं। आशीष दुबे / 26 जुलाई 2025