वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री पीटर वान डॉकम के नेतृत्व में एक शोध दल ने ब्लैक होल का अविश्वसनीय नज़ारा 8.3 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक गैलेक्सी में देखा है। इस गैलेक्सी को इन्फिनिटी गैलेक्सी नाम दिया गया है, क्योंकि इसका आकार अनंत चिन्ह की तरह प्रतीत होता है। यह आकृति दो गैलेक्सियों की टक्कर से बनी है और इसके केंद्र में वैज्ञानिकों ने एक चमकता हुआ क्षेत्र देखा, जिसे उन्होंने एक सुपरमैसिव ब्लैक होल के जन्म का संकेत बताया है। जेम्स वेबस्पेस टेलिस्कोप के कॉसमास-वेब सर्वे के माध्यम से की गई इस खोज में पता चला कि इन्फिनिटी गैलेक्सी के दो सिरों पर पहले से दो सुपरमैसिव ब्लैक होल मौजूद हैं, लेकिन इनके बीच में जो तीसरा चमकता क्षेत्र दिखा, वह अब तक वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बना हुआ था। उस क्षेत्र की जांच विभिन्न तरंगदैर्ध्य पर की गई, जिससे पता चला कि वहां अत्यधिक गर्म और घनी गैसें मौजूद हैं। इस खोज के आधार पर वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि यह नया ब्लैक होल किसी तारे के अवशेष से नहीं बल्कि सीधे एक विशाल गैसीय बादल के गुरुत्वाकर्षणीय संकुचन से बना है। इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में ‘डायरेक्ट कोलाप्स मॉडल’ कहा जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब दो डिस्क जैसी गैलेक्सियां आपस में टकराईं, तो गैसों का तीव्र टकराव और संपीड़न हुआ। यह संपीड़न इतना शक्तिशाली था कि उसने गैस के एक हिस्से को भीतर की ओर खींचकर उसे ढहा दिया और वहां एक नया ब्लैक होल उत्पन्न हो गया। इस पूरी घटना को देखकर विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रह्मांड की शुरुआती अवस्था में भी इसी प्रकार के सुपरमैसिव ब्लैक होल बने होंगे। पीटर वान डॉकम का कहना है कि यह खोज ब्लैक होल के जन्म से जुड़ा अब तक का सबसे ठोस और पक्का प्रमाण है। उन्होंने इसे “स्मोकिंग गन” कहा, जिसका अर्थ है कि यह ऐसा सबूत है, जो सीधे ब्लैक होल के जन्म को सिद्ध करता है। वैज्ञानिक समुदाय इस खोज को ब्रह्मांडीय विकास की गुत्थी सुलझाने में एक मील का पत्थर मान रहा है। मालूम हो कि अब तक ब्लैक होल को लेकर जितनी भी जानकारियां थीं, वे अनुमान, गणना और सिद्धांतों पर आधारित थीं, लेकिन अब पहली बार वैज्ञानिकों ने एक ब्लैक होल को जन्म लेते हुए वास्तविक रूप में देखा है। यह खोज खगोलशास्त्र के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। सुदामा/ईएमएस 31 जुलाई 2025