व्यापार
02-Aug-2025
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यह वृद्धि घरेलू लेन-देन और आयात से मिले राजस्व के कारण हुई मुंबई,(ईएमएस)। भारत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जुलाई में बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 7.5 फीसदी ज्यादा है। यह आंकड़े शुक्रवार को सरकारी ने जारी किए थे। यह वृद्धि घरेलू लेनदेन और आयात दोनों से प्राप्त राजस्व में वृद्धि के कारण हुई, जो स्थिर आर्थिक गतिविधि को दर्शाता है, हालांकि विकास की गति हाल के महीनों की तुलना में धीमी रही। इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच ग्रॉस जीएसटी राजस्व 8.18 लाख करोड़ रुपए रहा, जो 2024 की इस अवधि के 7.39 लाख करोड़ रुपए से 10.7 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। जुलाई में कुल ग्रॉस जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी से 35,470 करोड़ रुपए, राज्य जीएसटी से 44,059 करोड़ रुपए, इंटीग्रेटेड जीएसटी से 1,03,536 करोड़ रुपए और सेस से 12,670 करोड़ रुपए शामिल थे। जुलाई में लगातार सातवां महीना रहा, जिसमें संग्रह 1.8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा, लेकिन यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के 2.1 लाख करोड़ रुपए के औसत से कम था। अप्रैल में जीएसटी प्राप्तियां रिकॉर्ड 2.37 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी, जो मई में घटकर 2.01 लाख करोड़ रुपए रह गई। रिफंड के एडजस्टमेंट के बाद जुलाई में नेट जीएसटी राजस्व 1,68,588 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले के 1,65,800 करोड़ रुपए से केवल 1.7 फीसदी ज्यादा है। यह मामूली वृद्धि रिफंड में 66.8 फीसदी की वृद्धि के कारण हुई, जो जुलाई 2024 में 16,275 करोड़ रुपए की तुलना में इस महीने 27,147 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। अप्रैल-जुलाई की अवधि में नेट जीएसटी राजस्व पिछले साल के 6.56 लाख करोड़ रुपए से 8.4 फीसदी बढ़कर 7.11 लाख करोड़ हो गया है। राज्यों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। छोटे पूर्वोत्तर राज्यों ने मजबूत वृद्धि दर्ज की, जिसमें त्रिपुरा 41 फीसदी की वृद्धि के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद 26 फीसदी के साथ मेघालय, 23 फीसदी के साथ सिक्किम और 22 फीसदी के साथ नागालैंड रहा। बड़े राज्यों में मध्य प्रदेश में 18 फीसदी, बिहार में 16 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 14 फीसदी और पंजाब एवं हरियाणा में 12-12 फीसदी की वृद्धि रही। जीएसटी में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले राज्य महाराष्ट्र ने जुलाई में 30,590 करोड़ रुपए जमा किए, जो पिछले साल की तुलना में 6 फीसदी ज्यादा है। कर्नाटक और तमिलनाडु में क्रमशः 7 फीसदी और 8 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि गुजरात में 3 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में राजस्व में गिरावट भी देखने को मिली। मणिपुर के जीएसटी संग्रह में 36 फीसदी, मिजोरम में 21 फीसदी और जम्मू-कश्मीर व चंडीगढ़ में 5-5 फीसदी की गिरावट आई। दिल्ली और यूपी में क्रमशः 2 फीसदी और 7 फीसदी की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी मजबूत रहीं, उत्पादन 16 महीने के उच्चतम स्तर 59.1 पर पहुंच गया, जिससे समग्र आर्थिक गति को बल मिला है। सिराज/ईएमएस 02अगस्त25 ------------------------------------