व्यापार
02-Aug-2025


किसान और कारोबारी हैरान और परेशान नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार ने दालों की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दे दी है।जिसके कारण देश में दाल के भाव में गिरावट देखी जा रही है। कनाडा, अफ्रीकी देशों और रूस से बड़ी-बड़ी मात्रा में दाल आयात की जा रही है। जिसके कारण भारत में समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर दलहन बिकने लगा है। किसानों पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ा है। किसानों ने दलहन की बोनी को कम कर दिया है। भारत के किसानों को दलहन का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण किसानों की रुचि दलहन में घटती चली जा रही है। किसान संगठनों द्वारा सरकार से लगातार मांग की जा रही है। विदेश से दलहन का आयात घटाया जाए, लेकिन सरकार ने किसान संगठनों की बात नहीं मानी। जिसके कारण भारत में दलहन के दामो में हर साल बड़ी अस्थिरता देखने को मिलती है। भारतीय बाजारों में चने की कीमत ₹8000 से घटकर 6200 पर आ गई है।तुवर की कीमत ₹11000 से घटकर 6700 पर आ गई है। पीली मटर के दाम 4100 से घटकर 3250 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं। लगातार दलहन के दामो में गिरावट देखने को मिल रही है। किसान संगठनों के अनुसार इस बार किसान तुवर की बुवाई में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। जिसके कारण 8 फ़ीसदी रकवा तुवर का घट गया है। पिछले वर्ष 37.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तुवर की बुवाई हुई थी। जो इस साल घटकर 34.90 हेक्टेयर रह गई है। सामान्य तौर पर 45 लाख हेक्टेयर जमीन पर तुवर बोई जाती है। यह रकवा लगातार घटता चला जा रहा है। एसजे/ 2 अगस्त /2025