......नर्मदापुरम इटारसी में अवैध शराब कारोबारी निरंकुश, बढ़ रहे अपराध,आबकारी विभाग पर सवाल..... नर्मदापुरम(ईएमएस)। धार्मिक नगरी नर्मदापुरम में वर्ष 2017 में नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नर्मदा नदी के 5 किलोमीटर के दायरे में शराब विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसके बाद से ही नर्मदापुरम नगर में अब शराब का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। यहां तक की शराब की होम डिलीवरी भी होने लगी है। क्यूआर कोड से टपों में शराब बेची जा रही है। शराब माफिया इस कदर हावी हो गए हैं कि लड़ाई झगड़ा सहित हत्या जैसी घटनाएं भी हो रही है। अवैध शराब का कारोबार कानून व्यवस्था को खुलेआम चुनौती दे रहा है बल्कि युवाओं को बर्बादी की ओर धकेल रहा है। गांव गांव शराब के सेवन से पारिवारिक विवाद, हिंसा , अपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। नागरिकों में भय का वातावरण निर्मित हो गया है। यहां तक की सामाजिक संगठन, मीडिया, जनप्रतिनिधि सहित नागरिकों की लगातार शिकायतों के बावजूद आबकारी विभाग और पुलिस विभाग ठोस कार्यवाही नहीं कर पा रही है। सिर्फ आंकड़ों वाली कागजी खानापूर्ति की कार्यवाही नजर आ रही है।क्षेत्रीय विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने अवैध शराब कारोबार करने वालों पर सख्त कार्यवाही को लेकर स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से माफियाओं पर कार्यवाही के लिए कह चुके हैं। उसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होने पर आखिर विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने विधानसभा सत्र के शून्यकाल में अवैध शराब की बिक्री का मुद्दा उठाया है। उन्होंने अवैध शराब कारोबारियो पर सख्त कार्यवाही की मांग की है। विधानसभा के शून्यकाल में विधायक डॉ. शर्मा ने कहा कि नर्मदापुरम, इटारसी सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में खुले स्थानों पर बड़े पैमाने पर अवैध शराब बेची जा रही है। यहां तक की घर-घर होम डिलीवरी हो रही हैं। विधायक डॉ. शर्मा ने सरकार से मांग की है कि पूरे क्षेत्र में विशेष अभियान चला कर अवैध शराब बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए और इसमें शामिल माफिया उनके संरक्षण कर्ताओं के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो। जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके। गांव-गांव शराब के सेवन से पारिवारिक हिंसा, अपराध की घटनाएं बढ़ रही है। अवैध शराब कारोबारी युवाओं को बर्बादी की ओर धकेल रहे हैं। अवगत हो कि जिला मुख्यालय नर्मदापुरम में वर्ष 2017 से शराब विक्रय पर प्रतिबंध होने के बाद से ही अवैध शराब कारोबार बड़े पैमाने पर हो गया है। शराब माफियाओ का रसूख इतना हो गया है कि पकड़े गए लड़कों पर आबकारी विभाग और पुलिस मात्र 34(1)का प्रकरण बनाकर खाना पूर्ति करती है। आबकारी विभाग के वर्षों से जमे बड़े अधिकारी भी अवैध शराब कारोबार पर अंकुश लगाने में नाकाम हो रहे हैं। जिससे क्षेत्रीय जनता के दुख दर्द को समझने वाले विधायक डॉ सीतासरन शर्मा को आखिर विधानसभा में मामला उठाना पड़ा। आखिर बड़ा सवाल यह है कि किस शराब कंपनी द्वारा अपने गुर्गों के माध्यम से नर्मदापुरम नगर में अवैध शराब का कारोबार संचालित किया जा रहा है? और कौन रसूखदार चेहरे अवैध शराब कारोबार के पीछे हैं। वहीं विधायक डॉ शर्मा द्वारा विधानसभा में अवैध शराब कारोबार का मुद्दा उठाए जाने के बाद हड़कंप मच गया है और आम नागरिक सराहना कर रहे हैं कि अब तो सरकार के कानों तक नर्मदापुरम नगर के अवैध शराब कारोबार की खबर पहुंची है तो निश्चित ही कार्रवाई होगी और उन आबकारी अधिकारियों की भी जवाबदेही तय होना चाहिए जो शराब के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे हैं। ईएमएस/मोहने:/ 11 अगस्त 2025