चैन्नई,(ईएमएस)। मद्रास हाईकोर्ट में एक 14 वर्षीय लड़की को कस्टडी विवाद के मामले में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया कि लड़की को सरकारी बालिका गृह में रखा जाए। आदेश सुनने के कुछ ही मिनट बाद, लड़की ने पहली मंजिल के कॉरिडोर से छलांग लगा दी। दरअसल, लड़की के माता-पिता का तलाक हो चुका है और दोनों अलग-अलग रहते हैं। पिता एमके नायर ने हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर कर कहा था कि उनकी बेटी लापता है। पुलिस जांच में पता चला कि लड़की अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में अपनी नानी के घर रह रही है। वह वहां खुद अपनी मर्जी से गई थी, क्योंकि वह न तो अपनी मां के साथ रहना चाहती थी और न ही पिता के साथ। जैसे ही कोर्ट ने लड़की को नानी के पास भेजने से मना किया और सरकारी बालिका गृह में भेजने का आदेश दिया, लड़की ने कोर्ट नंबर 5 के पहले माले के कॉरिडोर से छलांग लगा दी। कोर्ट परिसर में मौजूद पुलिस ने तुरंत उसे पास खड़ी एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। सुनवाई के दौरान लड़की की काउंसलिंग तमिलनाडु मेडिएशन एंड कंसिलिएशन सेंटर में कराई गई थी, लेकिन बातचीत सफल नहीं रही। काउंसलर की सीलबंद रिपोर्ट में लड़की के लिए विशेष मानसिक चिकित्सकीय काउंसलिंग की सिफारिश की गई है। कोर्ट ने आदेश दिया कि लड़की को 12 अगस्त तक चेन्नई के सरकारी बालिका गृह में भर्ती किया जाए। पिता को उसे 13 अगस्त तक इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के डॉ वेंकट के पास ले जाना होगा, और आगे जरूरत पड़ने पर भी ले जाना होगा। डॉ वेंकट को अंतरिम रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया और उन्हें पिता को भी काउंसलिंग देने की अनुमति दी गई, क्योंकि पिता और बेटी के रिश्ते लंबे समय से बिगड़े हुए बताए जाते हैं। इलाज और काउंसलिंग का पूरा खर्च याचिकाकर्ता (पिता) को उठाना होगा। मां और नानी को मुलाकात का अधिकार केवल तय समय पर मिलेगा। कोर्ट ने सुनवाई को अगली तारीख तक स्थगित कर दिया है। हाईकोर्ट के जज एमएस रमेश और वी लक्ष्मीनारायणन के सामने लड़की को पेश किया गया। जब उससे पूछा गया कि वह किसके साथ रहना चाहती है, तो उसने कहा कि वह अपनी नानी के साथ अंडमान में रहना चाहती है। लेकिन कोर्ट ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि एक गोपनीय काउंसलर रिपोर्ट के मुताबिक, अंडमान का माहौल उसके लिए उपयुक्त नहीं है। वीरेंद्र/ईएमएस/13अगस्त2025 -----------------------------------