-14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है -विदेशी वस्तुओं की होली जलाई भोपाल(ईएमएस)। 14 अगस्त 1947 को देश के बटवारे के दौरान विस्थापन का दर्द झेलने वाले लोगों की याद में यह दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना प़डा था। वर्ष 2021 से शासन द्वारा प्रतिवर्ष यह आयोजन शासन द्वारा किया जा रहा है । विभाजन के फलस्वरूप लगभग 2 करोड़ लोग विस्थापित हुए 10 लाख लोग मारे गए, 75000 महिलाओं को बलात्कार का सामना करना पड़ा। स्मरणीय है कि भारत का विभाजन धार्मिक अलगाववाद के आधार पर हुआ था, जिसकी मांग अखिल भारतीय मुस्लिम लीग ने की थी । तत्कालीन राष्ट्रवादी नेताओं ने इसका पुरजोर विरोध किया, किन्तु तत्समय कुछ गलत निर्णयों ने भारत को एक स्थायी दंश दिया । 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस अवश्य मनाते हैं किन्तु 14 अगस्त के दिन को हमें नहीं भूलना चाहिए जो भारत के दिल में विभाजन के दर्द और हिंसा की न भूलने वाली पीड़ा छुपाये है । 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर विभाजन की पृष्टभूमि, परिस्थितियों को समझने के साथ विभाजन के दौर में घटी घटनाओं एवं इसके प्रभावों को भी समझना आवश्यक है । इसी पृष्टभूमि में 14 अगस्त 2025 को शाम 5.00 बजे प्रयास जन कल्याण समिति ई2 अरेरा कालोनी के गणेश मंच पार्क क्रमांक एक में स्थित सामुदायिक भवन में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया । मुख्य वक्ता धर्मवीर वाधवा ने व्याख्यान दिया एवं विदेशी वस्तुओं की होली जलाई। श्री वाधवाजी की उम्र 92 वर्ष हैं जिन्होंने विभाजन की विभीषिका को न केवल अपनी आंखों से देखा था वरन,स्वयं भोगा भी था । इस व्याख्यान में कुछ एसे लोगों ने भी भाग लिया, जिन्होंने इस विभीषिका को अत्यंत नजदीक से देखा एवं महसूस किया था।श्री बाधवा जी ने कहा कि इस आयोजन से हमें समझना होगा कि आने वाले समय में फिर एसी स्थिति निर्मित न हो।