इंदौर (ईएमएस)। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। यह सामने आया है कि जो युवा महंगे ड्रग्स नहीं खरीद सकते, वे इंटरनेट और यूट्यूब पर वीडियो देखकर नशीले पदार्थ बनाना सीख रहे हैं, जिससे उनकी जान को खतरा बढ़ गया है। हाल ही में एक 23 वर्षीय नेपाली युवक की मौत इसी तरह के ड्रग्स के ओवरडोज से हुई, जिसे उसने खुद कमरे में तैयार किया था। शुरुआती पोस्टमार्टम जांच में मौत का कोई स्पष्ट कारण नहीं मिला, जिससे यह एक रहस्य बन गया था। हालांकि, गहन परीक्षण में डॉक्टरों की नजर मृतक की जांघ की नस पर सुई के बारीक निशान पर पड़ी। इसके बाद पुलिस और डॉक्टरों की टीम ने युवक के कमरे का मुआयना किया, जहां उन्हें दर्द निवारक टैबलेट के पत्ते, एक लाइटर और सफेद पाउडर लगे चम्मच मिले। मृतक के मोबाइल फोन की जांच से पता चला कि वह यूट्यूब पर इन टैबलेट्स से नशीला ड्रग्स बनाने का तरीका खोजता था। डॉ. जितेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इस ड्रग्स के ओवरडोज से ही युवक की मृत्यु हुई। उन्होंने अपने 3000 से अधिक पोस्टमार्टम के अनुभव में इसे पहला ऐसा मामला बताया। विभाग के अध्यक्ष डॉ. बी.के. सिंह ने कहा कि इंटरनेट पर ड्रग्स बनाने का यह खतरनाक चलन समाज के लिए एक खतरे की घंटी है। प्रकाश/14 अगस्त 2025