राष्ट्रीय
14-Aug-2025


इंदौर (ईएमएस)। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) की एक रिपोर्ट के अनुसार चालू खरीफ सीजन में भारत में सोयाबीन की खेती का रकबा पिछले साल के 118.32 लाख हेक्टेयर से घटकर 115 लाख हेक्टेयर रह गया है। यह लगभग तीन लाख हेक्टेयर की गिरावट है। एसोसिएशन के अधिकारियों ने इस कमी का मुख्य कारण कई सोयाबीन किसानों का मक्के की खेती की ओर मुड़ना बताया है। सोपा के कार्यकारी निदेशक डी.एन. पाठक ने कहा कि मक्का किसानों को इसलिए आकर्षित कर रहा है, क्योंकि इसका उपयोग इथेनॉल उत्पादन में होता है। साथ ही, इसके उप-उत्पाद, डिस्टिलर्स ड्राइड ग्रेन्स विद सॉल्युबल्स (DDGS) की पशु, सुअर और मुर्गीपालन के चारे के रूप में अच्छी मांग है, जिससे किसानों को बेहतर आय हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 48.64 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 48.20 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 9 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 4.22 लाख हेक्टेयर और गुजरात में 2.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई हुई है। पाठक ने यह भी बताया कि कुछ क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण भी बुवाई प्रभावित हुई है। हालांकि, मौजूदा समय में सोयाबीन की फसल की स्थिति सामान्य है, लेकिन पैदावार अगले 60 दिनों तक मौसम पर निर्भर करेगी। सरकार ने 2025-26 के खरीफ विपणन सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले सीजन के 4,892 रुपये प्रति क्विंटल से 436 रुपये अधिक है। हालांकि, इसके बावजूद किसानों की रुचि मक्के की खेती में अधिक दिख रही है। प्रकाश/14 अगस्त 2025