ज़रा हटके
16-Aug-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। शरीर के कान जैसे महत्वपूर्ण अंग की उचित देखभाल न करने पर कई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। कान के अंदर मौजूद ग्लैंड्स एक पीला पदार्थ यानी मैल बनाते हैं, जो नेचुरल होता है और बाहरी धूल या गंदगी से कान की रक्षा करता है। लेकिन जब यह अत्यधिक मात्रा में जमा हो जाता है, तब यही रक्षक नुकसानदायक बन सकता है। अगर लंबे समय तक कान की सफाई नहीं की जाती, तो मैल जमकर सख्त हो जाता है और इससे खुजली, जलन, सूजन, दर्द, यहां तक कि सुनने की क्षमता में भी कमी आ सकती है। एक ताजा शोध में भी कहा गया है कि अत्यधिक ईयरवैक्स (जिसे मेडिकल भाषा में सेरुमेन कहा जाता है) कई बार कान की नसों को उत्तेजित कर खांसी का कारण भी बन सकता है। जरूरी यह है कि कान में जमा हुआ मैल समय-समय पर निकाला जाए, लेकिन बहुत अधिक या बार-बार सफाई भी नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए सही तरीका अपनाना जरूरी है। कई लोग कान की सफाई के लिए तीली, पिन या माचिस की लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं, जो खतरनाक हो सकता है। इससे कान के पर्दे को नुकसान पहुंच सकता है। अगर आप कान की सफाई के लिए घरेलू और सुरक्षित उपाय अपनाना चाहते हैं, तो मिनरल ऑयल एक बेहतरीन विकल्प है। इसे हल्का गुनगुना करके, दो-तीन बूंदें कान में डालें और सिर को थोड़ा झुका लें ताकि तेल अंदर चला जाए। कुछ मिनट ऐसे ही रहने के बाद मैल नर्म होकर धीरे-धीरे बाहर आ जाता है। इसी तरह बेबी ऑयल भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी कुछ बूंदें डालकर भी मैल को ढीला किया जा सकता है, फिर कॉटन या साफ कपड़े से बाहर निकाला जा सकता है। इन आसान उपायों को अपनाकर आप कान की सफाई बिना किसी नुकसान के कर सकते हैं। इससे न केवल सुनने की शक्ति बेहतर बनी रहती है, बल्कि दर्द और संक्रमण जैसी समस्याओं से भी बचाव होता है। ध्यान रखें कि अगर घर के उपाय से आराम न मिले या कोई गंभीर दिक्कत महसूस हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लें। सुदामा/ईएमएस 16 अगस्त 2025