नई दिल्ली (ईएमएस)। इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज जो रूट इस साल के अंत में होने वाली पांच मैचों की एशेज सीरीज को लेकर खासे उत्साहित हैं। यह सीरीज इंग्लैंड के लिए जितनी अहम है, रूट के लिए उससे भी ज्यादा महत्व रखती है, क्योंकि उनके शानदार करियर में अब तक एक काला धब्बा बाकी है ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक की कमी। रूट ने अपने करियर में 39 टेस्ट शतक जड़े हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की धरती पर खेले गए 27 पारियों में नौ अर्धशतक के बावजूद वह कभी तीन अंकों के आंकड़े तक नहीं पहुंचे। वहां उनका औसत 35.68 का है। इसके अलावा, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए पिछले 14 मुकाबलों में इंग्लैंड को एक भी जीत नहीं दिलाई है। यही कारण है कि मौजूदा आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र के तहत होने वाली यह सीरीज उनके लिए व्यक्तिगत चुनौती बन गई है। भारत के खिलाफ हाल ही में घरेलू सीरीज में दमदार प्रदर्शन करने वाले नंबर 1 टेस्ट बल्लेबाज रूट का मानना है कि इस बार वह पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया में पहले भी दो-तीन बार खेलने के बाद और अब 150 से ज्यादा टेस्ट खेलने के बाद, मुझे लगता है कि मैं इसके लिए और ज्यादा तैयार नहीं हो सकता था। पहले मैं शतक के लिए शायद बहुत ज्यादा बेताब रहता था, जिससे ध्यान भटक जाता था। अब मैं सिर्फ अपने खेल पर फोकस करना चाहता हूं।” पिछली एशेज सीरीजों की यादें रूट के लिए आसान नहीं रहीं। 2021-22 के दौरे पर वह कप्तान थे और कोविड जैसी परिस्थितियों से जूझना पड़ा। इससे पहले बेन स्टोक्स की घटना और जॉनी बेयरस्टो के चोटिल होने जैसी घटनाओं ने भी माहौल बिगाड़ा। रूट का कहना है कि इस बार वह बिना किसी दबाव के खेल का आनंद लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया एक खूबसूरत देश है और वहां क्रिकेट खेलना बेहतरीन अनुभव है। मुझे पता है कि अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा, तो बाकी सब अपने आप हो जाएगा।” इस बयान से साफ है कि जो रूट केवल आंकड़े सुधारने नहीं, बल्कि एक अधूरी कहानी पूरी करने ऑस्ट्रेलिया जा रहे हैं। वह शतक जो अब तक उनके करियर में खाली पन्ना बना हुआ है। डेविड/ईएमएस 16 अगस्त 2025