राज्य
17-Aug-2025


- सिंगरौली में शुरू होगी पहली अंडरग्राउंड माइन, निजी कंपनी को मिला कोयला खनन का टेंडर भोपाल (ईएमएस)। सिंगरौली के बरगवां तहसील क्षेत्र में प्रस्तावित गोंड़बहेरा उज्जैनी ईस्ट कोयला खदान जल्द शुरू होने वाली है। इस खदान के चालू होने से स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। इसको लेकर मझौली गांव में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें भूमिगत कोयला खदान से प्रभावित होने वाले 4 गांव के लगभग 2000 लोग पहुंचे थे, जहां उन्होंने प्रोजेक्ट का खुलकर समर्थन किया। इसके तहत हर साल करीब 30 लाख टन कोयला निकाला जाएगा। भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने कमर्शियल माइनिंग के तहत 2022 में गोंड़बहेरा उज्जैनी भूमिगत कोयला परियोजना के लिए टेंडर जारी किया था। जिसे निजी कंपनी द्वारा सबसे ऊंची बोली लगाकर हासिल किया गया था। यह एक अंडरग्राउंड कोयला खदान है, जो सिंगरौली जिले के 4 गांव उज्जैनी, कुंदा, पचौर, मझौली के 1130 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। हालांकि, इस अंडरग्राउंड कोयला खदान के संचालन में सिर्फ 34 हेक्टेयर राजस्व जमीन की जरूरत होगी। जिले का होगा विकास, बनेंगे रोजगार के अवसर मझौली गांव कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची पचौर गांव की रहने वाली बसंती रावत ने कहा कि यह खदान शुरू होने से हम लोग बहुत खुश हैं। निजी कंपनी के आने से हमारे क्षेत्र का विकास होगा। इसके अलावा यहां के ग्रामीणों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। घर के पास ही रोजगार मिल सकेगा। कोयला खदान कंपनी के द्वारा बच्चों के स्कूल की बाउंड्री वॉल का निर्माण करवाया गया है। बच्चों के साथ-साथ महिलाओं को कंपनी द्वारा कई सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। 33 वर्षों तक चलेगी यह परियोजना मिली जानकारी के अनुसार, यह परियोजना 33 वर्षों तक चलेगी। इसमें मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मदद से अंडरग्राउंड कोयला का खनन किया जाएगा। हर साल खदान से करीब 30 लाख टन कोयला के उत्पादन का टारगेट रखा गया है। इसके अलावा कंपनी द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं बेहतर करने के लिए क्षेत्र में प्रयास किए जाएंगे। मंजूरी के बाद कंपनी निकालेगी कोयला इस संबंध में संयुक्त कलेक्टर संजीव पांडे ने बताया कि गोड़बहरा उज्जैनी ईस्ट परियोजना को शुरू होने से क्षेत्र का विकास होगा। निजी कंपनी द्वारा खदान के आसपास के 4 गांव के ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुना और समझा गया है। हालांकि इस भूमिगत खदान के शुरू होने से क्षेत्र में रोजगार पैदा होंगे। पर्यावरण मंजूरी के बाद यह कंपनी खदान से कोयला निकाल सकेगी। विनोद / 17 अगस्त 25