ज़रा हटके
01-Sep-2025
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वाशिंगटन (ईएमएस)। दुनिया में हर पांच में से दो महिलाएं और हर पांच में से एक बच्चा एनीमिया या खून की कमी समस्या से जूझ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इसका सबसे बड़ा कारण पोषण की कमी और आयरन से रहित खानपान है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि हीमोग्लोबिन शरीर में ऑक्सीजन ले जाने वाला महत्वपूर्ण प्रोटीन है। आयरन की कमी होने पर हीमोग्लोबिन घटता है और एनीमिया की स्थिति उत्पन्न होती है। हालांकि, खानपान में कुछ विशेष चीजें शामिल करके इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। काजू आयरन और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है। अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार, काजू में मौजूद आयरन शरीर में आसानी से अवशोषित हो जाता है, जिससे खून बनने की प्रक्रिया बेहतर होती है। रोजाना कुछ मात्रा में काजू का सेवन शरीर को ताकत देने के साथ खून की कमी दूर करता है। गुड़ का उपयोग लंबे समय से एनीमिया की समस्या में किया जा रहा है। इसमें आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो न केवल हीमोग्लोबिन स्तर बढ़ाते हैं बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में गुड़ का नियमित सेवन आज भी प्रचलित है और कई शोध इसे लाभकारी बताते हैं। हरी मटर भी खून की कमी से लड़ने में सहायक है। इसमें आयरन और प्रोटीन दोनों की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही मटर में मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण को और बेहतर करता है। नियमित रूप से हरी मटर का सेवन शरीर की ऊर्जा और ताकत में वृद्धि करता है। काला चना भी आयरन से भरपूर आहार है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में कारगर माना जाता है। इसके अलावा इसमें फाइबर भी होता है, जो पाचन को दुरुस्त रखता है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, काला चना आरबीसी की संख्या बढ़ाने और खून की कमी को दूर करने में मददगार साबित होता है। अनार को पोषक तत्वों का खजाना कहा जाता है। इसमें आयरन, विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो खून की गुणवत्ता सुधारते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। नियमित रूप से अनार या उसका रस पीने से एनीमिया के मरीजों को लाभ मिलता है। बता दें कि एनीमिया या खून की कमी आज के समय की सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जो विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करती है। जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) या हीमोग्लोबिन का स्तर घट जाता है, तो ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है। इसकी वजह से थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सांस फूलना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसी समस्याएं सामने आती हैं। सुदामा/ईएमएस 01 सितंबर 2025