ज़रा हटके
01-Sep-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय गरम मसाला में कई ऐसे औषधीय गुण छिपे हैं जो पाचन, वजन नियंत्रण, इम्यूनिटी और मानसिक स्वास्थ्य तक पर सकारात्मक असर डालते हैं। गरम मसाला दरअसल मसालों का एक मिश्रण है, जिसमें धनिया, जीरा, इलायची, लौंग, दालचीनी, जायफल, तेजपत्ता, सौंफ, सरसों और काली मिर्च शामिल होते हैं। ये सभी तत्व मिलकर पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। जीरा और लौंग जहां अपच और गैस से राहत देते हैं, वहीं दालचीनी और इलायची पाचन एंजाइम्स को सक्रिय कर भोजन को जल्दी पचाने में सहायक बनते हैं। इसका सीधा असर शरीर को पोषण मिलने पर होता है। वजन घटाने वालों के लिए भी यह एक प्राकृतिक मददगार साबित हो सकता है। गरम मसाले में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं, जिससे कैलोरी तेजी से खर्च होती है। यही कारण है कि इसे नियंत्रित मात्रा में भोजन में शामिल करना फैट को जमा होने से रोकता है और वजन घटाने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इम्यूनिटी के मामले में भी यह कारगर है। लौंग, दालचीनी और इलायची जैसे तत्व एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म कर प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। मौसम बदलने पर सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी दिक्कतों से बचाव में भी यह सहायक साबित होता है। खासतौर पर सर्दियों में गरम मसाले का सेवन शरीर को गर्माहट देता है और ऊर्जा बनाए रखता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से भी इसके फायदे नजर आते हैं। अध्ययनों के अनुसार, जायफल और दालचीनी जैसे मसाले तनाव कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मददगार हो सकते हैं। यह मस्तिष्क में रक्त संचार को बेहतर कर मानसिक स्फूर्ति प्रदान करते हैं। हालांकि इसके अत्यधिक सेवन से बचना जरूरी है, क्योंकि ज्यादा मात्रा में गरम मसाला पेट में जलन या अधिक गर्मी की समस्या पैदा कर सकता है। सीमित मात्रा में इसका उपयोग न केवल खाने के स्वाद को दोगुना करता है, बल्कि सेहत को भी कई तरीकों से लाभ पहुंचाता है। बता दें कि भारतीय रसोई की पहचान माने जाने वाले मसालों में गरम मसाला एक खास जगह रखता है। ज्यादातर लोग इसे खाने के स्वाद और खुशबू से जोड़कर देखते हैं, लेकिन यह सिर्फ ज़ायका बढ़ाने तक सीमित नहीं है। सुदामा/ईएमएस 01 सितंबर 2025