ज़रा हटके
01-Sep-2025
...


वॉशिंगटन (ईएमएस)। जब हम थकते हैं, नींद से भरे होते हैं या आंखों में जलन और खुजली महसूस करते हैं, तो अक्सर उन्हें मलने लगते हैं। यह आदत उस समय थोड़ी राहत जरूर देती है, लेकिन लंबे समय में आंखों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार आंखें मलना कई खतरनाक बीमारियों की वजह बन सकता है। अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिसर्च बताती है कि बिना हाथ धोए आंख मलने से संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। दिनभर में हाथों पर बैक्टीरिया जमा होते हैं, जो आंखों तक पहुंच जाते हैं। इससे कंजक्टिवाइटिस, जलन, लालिमा और लगातार पानी आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह आदत आंखों की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर देती है। आंखों की सतह यानी कॉर्निया पर भी इस आदत का नकारात्मक असर पड़ता है। कॉर्निया बेहद नाजुक होती है और बार-बार रगड़ने से उस पर खरोंच या छोटे घाव हो सकते हैं, जिसे ‘कॉर्नियल एब्रेशन’ कहा जाता है। इससे धुंधला दिखना, तेज दर्द और रोशनी में परेशानी जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। अगर इलाज न मिले तो यह संक्रमण का रूप भी ले सकती है। इसके अलावा, बार-बार आंख मलने से ग्लूकोमा का खतरा भी बढ़ता है। इस बीमारी में आंख की ऑप्टिक नर्व धीरे-धीरे खराब होती जाती है। लगातार दबाव बढ़ने से समय रहते इलाज न होने पर इंसान अपनी रोशनी हमेशा के लिए खो सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, आंखों के आसपास की नाजुक त्वचा पर भी बुरा असर पड़ता है। लगातार रगड़ने से रक्त नलिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे डार्क सर्कल गहरे हो जाते हैं और समय से पहले झुर्रियां दिखने लगती हैं। यह आदत न सिर्फ आंखों की सेहत बल्कि चेहरे की सुंदरता को भी नुकसान पहुंचाती है। जिन लोगों को पहले से चश्मा है या आंखों की कोई दिक्कत है, उनके लिए यह आदत और ज्यादा हानिकारक साबित हो सकती है। कॉर्निया का आकार बिगड़ सकता है और चश्मे का नंबर तेजी से बढ़ सकता है। कई मामलों में यह कराटोकोनस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है, जिसमें कॉर्निया पतला और शंक्वाकार हो जाता है और व्यक्ति को हर चीज धुंधली नजर आने लगती है। सुदामा/ईएमएस 01 सितंबर 2025