- इंटरस्टेट आर्म्स तस्करी का पर्दाफाश - एक ही परिवार की तीन पीढ़ियो के आरोपी दादा, बेटा और पोते कर रहे थे हथियार तस्करी - अन्य बेटों और नाती-पोते को जेल होने के बाद भी जारी रखा कारोबार भोपाल(ईएमएस)। भोपाल क्राइम ब्रांच ने टीकमगढ़ जिले के जतारा के रामगढ़ में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री पर रेड मारते हुए इंटरस्टेट आर्म्स तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इसे आनंदी विश्वकर्मा नाम का व्यक्ति अपने दो बेटों और नाबालिग पोते के साथ मिलकर चला रहा था। यह फैक्ट्री दूर दराज एक वेयरहाउस को किराये पर लेकर चलाई जा रही थी। यहॉ तैयार किये गये जानलेवा हथियार मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में सप्लाई करते थे। माल खपाने के लिये सात एजेंट बना रखे थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने फैक्ट्री से लेथ मशीन, वेल्डिंग मशीन, ड्रिल मशीनें, देसी पिस्टल और तीन अधूरी पिस्टल सहित कई कलपुर्जे जब्त किए हैं। अफसरो ने बताया कि वाहन चोरी और अवैध हथियारों के कारोबार से जुड़े तीन आरोपियों को भोपाल के निशातपुरा से हिरासत में लिया था। इनके कब्जे से तीन वाहन बरामद किए गए, जिन्हें हनुमानगंज थाने के सुपुर्द किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मुख्तार खान हथियारों की अवैध सप्लाई में शामिल है। बीते दिनो मुख्तार खॉन को पिस्टल सहित दबोचा गया। मुख्तार खान ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पिस्टल उसे सुरेंद्र विश्वकर्मा से मिली थी। सुरेंद्र ने टीकमगढ़ में अवैध हथियार फैक्ट्री लगा रखी थी। मुख्तार के बयानों के आधार पर जांच की गई तो पला चला कि सुरेंद्र और उसका परिवार बीते करीब 35-40 सालो से अवैध हथियार बनाने का काम कर रहा है। सुरेंद्र का पिता आनंदी विश्वकर्मा लेथ मशीन से ट्रॉली और कृषि उपकरण बनाने की आड़ में हथियार बनाने का काम कर रहा था। इसकी तकनीक उसने राजस्थान के फुलेरा में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार से सीखी थी। बाद में आनंदी विश्वकर्मा ने अपने पूरे परिवार को अवैध हथियार बनाने के कारोबार में शामिल कर लिया। सुरेंद्र के जेल जाने के बाद भी परिवार ने हथियार बनाना जारी रखा। आनंदी का नाबालिग पोता और दूसरा बेटा धर्मेंद्र भी इस काम में लगे थे। क्राइम ब्रांच की कार्रवाई से पहले सुरेंद्र और उसके नाबालिग बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तब भी आनंदी और धर्मेंद्र ने काम बंद नहीं किया था। ये फैक्ट्री टीकमगढ़ में आबादी से दूर एक वेयरहाउस में थी। सुरेंद्र ने अपने एक परिचित को पार्टनर बनाया और उसे 20 हजार रुपए प्रतिमाह किराये के साथ अपने धंधे में उसे पार्टनर भी बनाया लिया। हथियार निर्माण का काम परिवार के सदस्य करते थे, जबकि ग्राहक से संपर्क और सप्लाई कुछ सहयोगियों के माध्यम से किया जाता था। * आरोपियो की अपराधिक कुंडली सुरेंद्र विश्वकर्मा पूर्व में लूट के मामले में 7 साल की सजा काट चुका है। जनवरी 2025 में जेल से रिहा होने के बाद उसने दोबारा अवैध हथियार निर्माण शुरू किया। मामले में आरोपी मुख्तार खान, सुरेंद्र विश्वकर्मा, सैफ अली उर्फ रिंकू, मुमताज अली और आनंदी विश्वकर्मा शामिल हैं, जबकि फरार आरोपी नरेंद्र प्रताप सिंह परमार है। आरोपी मुख्तार खान के खिलाफ क्राइम ब्रांच में एक मामला दर्ज है, एक साल पहले उसने सुरेन्द्र से एक पिस्टल खरीदी थी। सुरेन्द्र के खिलाफ थाना कुडीला, बाना दिगौडा, थाना कोतवाली टीकमगढ़), थाना मोहनगड़, थाना बल्देवगढ़, थाना खरगपुर टीकमगढ़ में 16 मामले दर्ज है। उसके खिलाफ रासूका की कार्यवाही भी की जा चुकी है। मुमताज अली के खिलाफ थाना जतारा टीकमगढ़, थाना खरगापुर, थाना बम्हौरीकला टीकमगढ़ और थाना लिधोरा में चार मामले दर्ज है। आनंदी विश्वकर्मा के खिलाफ थाना कुडीला में तीन प्रकरण दर्ज है। सैफ अली उर्फ रिंकू ने आरोपियो से एक कट्टा व पिस्टल खरीदी है, आरोपी मुमताज अली नरेन्द्र के जरिये अवैध हथियार खरीदता है, वहीं आनंदी विश्वकर्मा ने सुरेंद्र को अवैध हथियार बनाना सिखाया और फरार आरोपी नरेन्द्र प्रताप सिंह परमार के फार्म हाउस में अवैध हथियार बनाने का काम होता है । वहीं मामले में आधा दर्जन से अज्ञात आरोपी फरार है। पुलिस टीम ने लेथ मशीनें, वेल्डिंग मशीन, ड्रिल मशीन, मिलिंग मशीन, ब्लेंडर मोटर, देसी पिस्टल, तीन अधूरी पिस्टल, बैरल, लोहे के फ्रेम, ट्रिगर, स्लाइडर, कारतूस, मैगजीन, बट की लकड़ी और अन्य कलपुर्जे जब्त किए हैं। जुनेद / 1 सिंतबर