ज़रा हटके
02-Sep-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। शरीर में असंतुलित दिनचर्या और व्यस्तता के कारण कई तरह की समस्याएं जन्म ले लेती हैं, जैसे कमर दर्द, वजन बढ़ना और फेफड़ों की कमजोरी। इन परेशानियों से राहत पाने के लिए योग एक आसान और प्राकृतिक उपाय माना जाता है। योग न केवल शरीर बल्कि मन को भी स्वस्थ रखने का साधन है। विभिन्न आसनों में से ‘शलभासन’ विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। शलभासन का नाम संस्कृत शब्द ‘शलभ’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है टिड्डा। इस आसन में शरीर की स्थिति टिड्डे जैसी दिखाई देती है, इसलिए इसे शलभासन कहा जाता है। हाल ही में आयुष मंत्रालय ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शलभासन करने का तरीका और इसके फायदे साझा किए। मंत्रालय के अनुसार, यह आसन शरीर के कई अंगों को मजबूत बनाने के साथ-साथ मानसिक तनाव और थकान को भी कम करने में सहायक है। विशेषज्ञों का कहना है कि शलभासन खासतौर पर पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। जिन लोगों को कमर या पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत रहती है, उनके लिए यह आसन आरामदायक साबित हो सकता है। इसके अलावा शलभासन जांघों की मांसपेशियों को भी सुदृढ़ बनाता है। यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाकर सांस लेने की ताकत को बेहतर करता है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है और ऊर्जा का स्तर पूरे दिन ऊंचा बना रहता है। शलभासन करने की विधि सरल है। सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को जांघों के नीचे दबाकर रखें। फिर धीरे-धीरे पैरों को सीधा रखते हुए ऊपर उठाना शुरू करें। इस दौरान पेट जमीन से सटा रहना चाहिए। गहरी सांस अंदर लेकर पैरों और सिर को ऊपर उठाएं और कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में बने रहें। इसके बाद सामान्य स्थिति में लौट आएं। आयुष मंत्रालय ने अपने पोस्ट में चेतावनी भी दी है कि यह आसन सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। हाई ब्लड प्रेशर, हर्निया या गंभीर कमर दर्द से पीड़ित लोगों को इसे सावधानी से करना चाहिए या डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही अपनाना चाहिए। वहीं गर्भवती महिलाओं को इस आसन से परहेज करने की सलाह दी गई है। सुदामा/ईएमएस 02 सितंबर 2025