मुंबई, (ईएमएस)। इस साल मुंबई में मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस वृद्धि ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। खबर है कि जनवरी से अगस्त 2025 की अवधि के दौरान, मुंबई में 5706 मलेरिया के मरीज पाए गए, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान यह संख्या 4021 थी। इसी तरह, डेंगू के मरीज 1979 से बढ़कर 2319 हो गए हैं। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी चिकनगुनिया के मरीजों में हुई है, जो 210 से दोगुना होकर 485 हो गए हैं। महानगरपालिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मानसून के मौसमी पैटर्न के अनुसार इन मच्छर जनित बीमारियों में वृद्धि की उम्मीद है। भारी बारिश और त्योहारों के कारण अगस्त के महीने में ऐसी बीमारियों के मामले बढ़ जाते हैं इन बीमारियों में जहां बढ़ोतरी हुई है, वहीं कुछ बीमारियों के मरीजों की संख्या में कमी भी आई है। लेप्टोस्पायरोसिस के मामले पिछले साल के 553 से घटकर 471 हो गए हैं। वहीं, गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मामले 6,133 से घटकर 5,774 हो गए हैं, जबकि कोविड-19 के मामले 1775 से घटकर 1111 हो गए हैं। उधर हेपेटाइटिस के मामले 662 से बढ़कर 810 हो गए हैं। मुंबई के डॉक्टरों ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है। मानसून के त्योहारों और त्योहारों तथा अस्वच्छता के कारण इस महीने भी मच्छर जनित बीमारियाँ बड़ी संख्या में होती रहेंगी। मलेरिया और डेंगू के मामले बढ़े हैं और कई मरीजों में ये बीमारियाँ किडनी और फेफड़ों को प्रभावित कर रही हैं। अगर समय पर सही इलाज न किया जाए, तो ये बीमारियाँ लीवर को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। हालाँकि इस साल इन बीमारियों से किसी की मौत नहीं हुई है, लेकिन गंभीर मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। स्वेता/संतोष झा- ०३ सितंबर/२०२५/ईएमएस