राज्य
07-Sep-2025


:: हुकमचंद मिल की झाँकी और छोगालाल-चंद्रपाल अखाड़ों के सूरमाओं ने जीते शीर्ष सम्मान :: इंदौर (ईएमएस)। इंदौर की गौरवशाली परंपरा के प्रतीक, अनंत चतुर्दशी चल समारोह का इस साल भी भव्य आयोजन हुआ। शहर की सड़कों पर रातभर आस्था, श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जहाँ नयनाभिराम झाँकियाँ और अखाड़ों के हैरतअंगेज करतबों ने हजारों लोगों का मन मोह लिया। यह आयोजन न केवल इंदौर की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है, बल्कि नागरिकों की सक्रिय भागीदारी का भी एक शानदार उदाहरण है। इस साल के समारोह में हुकमचंद मिल की झाँकी ने नरकासुर का वध विषय पर अपनी प्रस्तुति के लिए प्रथम स्थान प्राप्त किया, जो परंपरा और आधुनिकता का सुंदर मेल थी। झाँकी निर्णायक समिति ने सर्वसम्मति से इस झाँकी को सर्वोच्च पुरस्कार के लिए चुना। द्वितीय पुरस्कार राजकुमार मिल की लंका दहन और मालवा मिल की भगत के वश में है भगवान को संयुक्त रूप से दिया गया, जबकि तृतीय स्थान कल्याण मिल की सेना का शौर्य झाँकी को मिला। विशेष पुरस्कारों में स्वदेशी मिल की महाशिवरात्री पर शिव पूजा और होप टेक्सटाइल मिल की गंगा का पृथ्वी पर अवतरण शामिल थीं। झाँकियों के साथ-साथ अखाड़ों के कलाकारों ने भी अपनी शस्त्र कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। उनके हैरतअंगेज करतबों और लाठी-पटे की कलाबाजियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अखाड़ा निर्णायक समिति ने इस बार लाठी और दो हाथ के पटे वर्ग में अलग-अलग पुरस्कार दिए। लाठी वर्ग में छोगालाल उस्ताद व्यायामशाला को प्रथम स्थान मिला, जबकि महावीर व्यायामशाला और रविदास व्यायामशाला ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। दो हाथ के पटे वर्ग में चंद्रपाल उस्ताद व्यायामशाला ने बाजी मारी और प्रथम पुरस्कार अपने नाम किया। बिंदागुरु व्यायामशाला और बाबू सिंह उस्ताद व्यायामशाला ने क्रमशः द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त किए। महिला वर्ग में रामनाथ गुरु शस्त्रकला व्यायामशाला को प्रथम पुरस्कार मिला, जबकि बालकों और बालिकाओं ने भी अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। बालक वर्ग में कार्तिक राजपूत और बालिका वर्ग में परिधि धीमान ने प्रथम पुरस्कार जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। चल समारोह के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी नागरिकों, आयोजन समितियों और व्यवस्था में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। यह आयोजन एक बार फिर साबित करता है कि इंदौर अपनी परंपराओं को सजीव रखने में अग्रणी है और यहाँ का जनमानस इन सांस्कृतिक धरोहरों को पूरे मन से संजोकर रखता है। प्रकाश/7 सितम्बर 2025