इंदौर (ईएमएस)। मध्य प्रदेश में अब निजी स्कूल अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों में फीस की अनियमित वृद्धि और किताबों-यूनिफॉर्म की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए सख्त प्रावधान लागू किए हैं। इन नियमों के अनुसार, स्कूलों को अब अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर फीस का पूरा ब्यौरा, स्टेशनरी, किताबें, बैग, यूनिफॉर्म, स्पोर्ट्स किट और ट्रांसपोर्ट सुविधाओं का विवरण प्रदर्शित करना अनिवार्य है। साथ ही, सभी निजी स्कूलों को अगले शैक्षणिक सत्र की प्रस्तावित फीस संरचना को शिक्षा विभाग के फीस विनियमन पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इस साल, राज्य के लगभग 10,200 निजी स्कूलों ने अपनी फीस का विवरण पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। हालांकि, जिन स्कूलों की वार्षिक फीस 25 हजार रुपये या उससे कम है, उन्हें पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने से छूट दी गई है, लेकिन उन्हें इस संबंध में एक शपथ पत्र अपलोड करना होगा। जो स्कूल तय समय-सीमा के भीतर यह जानकारी या शपथ पत्र अपलोड नहीं करेंगे, उनके खिलाफ जिला समिति द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में निजी स्कूलों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों के निराकरण के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में एक जिला समिति भी काम कर रही है, जो इन नियमों के पालन पर निगरानी रखेगी। इस कदम से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। प्रकाश/7 सितम्बर 2025