राष्ट्रीय
08-Sep-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। कोलेस्ट्रॉल का उपयोग इलेक्ट्रॉनों के स्पिन को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है—यह एक अदृश्य क्वांटम गुण है जो ऊर्जा कुशल अगली पीढ़ी के स्पिन्ट्रॉनिक उपकरणों के विकास में योगदान दे सकती है। कोलेस्ट्रॉल वसा समान पदार्थ है और सामान्य रूप से हृदय रोगों से संबंधित होता है, सुपरमोलेक्यूलर आधारित स्पिनट्रोनिक सामग्री बनाने के लिए एक आदर्श प्लेटफ़ॉर्म के रूप में कार्य करता है। यह इसके आंतरिक हाथतापन (चिरालिटी) एवं लचीलापन के कारण आणविक गुणों पर सटीक नियंत्रण को सक्षम बनाता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली के वैज्ञानिकों ने भविष्य की क्वांटम तकनीकों और स्पिन्ट्रोनिक अनुप्रयोगों के लिए कोलेस्ट्रॉल-आधारित नैनोमैटेरियल्स को नवीन प्लेटफार्मों के रूप में पेश किया है। ये सामग्री इलेक्ट्रॉनों के घुमाव को नियंत्रित कर सकती हैं, यह एक क्वांटम विशेषता है जो अगली पीढ़ी की इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए महत्वपूर्ण है। धातु आयनों को कार्बनिक संरचना के साथ मिलाकर, डॉ. अमित कुमार मंडल के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने साबित किया है कि धातु आयनों के प्रकार और सांद्रता को समायोजित करके एक पदार्थ अपने चुंबकीय स्पिन अभिविन्यास के आधार पर इलेक्ट्रॉनों को कितनी अच्छी तरह से अलग कर सकती है। कोलेस्ट्रॉल को विभिन्न धातु आयनों के साथ मिलाकर, शोधकर्ताओं ने नैनोमैटेरियल्स बनाया है जो चयनात्मक रूप से इलेक्ट्रॉन स्पिन को छानते हैं। संदीप/देवेंद्र/नई दिल्ली/ईएमएस/08/सितंबर/2025