राज्य
10-Sep-2025


:: सीएम हेल्पलाइन पर मिली थी शिकायत, जांच में सामने आई लापरवाही :: देवास/इन्दौर (ईएमएस)। देवास में जननी सुरक्षा योजना और मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना के तहत एक पात्र महिला को लाभ न देने और इस मामले में वरिष्ठ कार्यालय को गुमराह करने पर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। जांच के बाद, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) देवास समेत पांच अन्य कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। यह मामला तब सामने आया जब एक महिला ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, प्रसव के बाद महिला को इन दोनों योजनाओं का लाभ नहीं दिया गया। जांच में पता चला कि देवास जिला अस्पताल में कार्यरत एक आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर ने अनमोल पोर्टल पर महिला की गलत जानकारी दर्ज कर दी, जिससे वह इन योजनाओं के लिए पात्र नहीं दिख रही थी। राज्य स्तर पर मामले का संज्ञान लिया गया और जांच के बाद जिला अस्पताल की लापरवाही उजागर हुई। अस्पताल को महिला को भुगतान करने के निर्देश दिए गए, लेकिन स्थानीय स्तर पर गलत यूटीआर नंबर दिखाकर भ्रमित करने की कोशिश की गई। इसके अलावा, महिला की पहली डिलीवरी होने के बावजूद उसे श्रमिक सेवा का भुगतान यह कहकर नहीं दिया गया कि उसके दो से अधिक बच्चे हैं। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए, देवास के कलेक्टर ने मामले की विस्तृत जांच की, जिसके बाद सख्त कार्रवाई की गई है। तत्कालीन सिविल सर्जन और वर्तमान में सीएमएचओ देवास, डॉ. सरोजिनी जेम्स, को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनकी वेतन वृद्धि रोक दी गई है। सहायक अस्पताल प्रबंधक प्रमोद गुणवान की दो वेतन वृद्धि रोकी गई हैं, और जिला कार्यक्रम प्रबंधक कामाक्षी दुबे एवं संविदा लेखापाल डिंपल बघेल का वेतन काटा गया है। इसके साथ ही, बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता अजय पांडे को निलंबित कर दिया गया है और तत्कालीन संविदा लेखापाल शारदा सूर्यवंशी व कंप्यूटर ऑपरेटर धर्मेंद्र राजोरिया की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। प्रकाश/10 सितम्बर 2025