- किया गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम का उल्लघंन इन्दौर (ईएमएस) प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रिंसी अग्रवाल की कोर्ट ने गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम का पालन नहीं करने पर दो डॉक्टरों राजू प्रेमचंदानी ओर आंजय मोदी को दोषी करार देते 1-1 साल सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रकरण सुनवाई उपरांत यह माना कि इन दोनों डाक्टरों ने गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी करने और उनकी जानकारी छिपा अधिनियम का उल्लघंन किया है। प्रकरण कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि करीब चौदह साल पुराने इस मामले में 1 जून 2011 को एक गर्भवती द्वारा सोनोग्राफी के बाद आत्महत्या की खबर सुर्खियों में सामने आई थी और उस पर बहुत कोहराम मचा था, जिसके बाद कोर्ट ने संज्ञान ले परिवाद मान मामले की जांच के आदेश दिए थे। जांच टीम ने उक्त दोनों डाक्टरों द्वारा स्नेहनगर में संचालित आइडियल मेडिकल सेंटर की जांच की तो रजिस्टर में कई महिलाओं की जांच की जानकारी अधूरी थी। इसके बाद प्रकरण दर्ज कर सुनवाई करते कोर्ट ने दोषी डाक्टरों को उक्त सजा से दंडित किया।