- बेटे ने जालसाजों की चंगुल से छुड़ाया, बाद में पुलिस तक पहुंचा मामला - ठगो ने खुद टेलीकॉम, सीबीआई अफसर बताकर 68 करोड़ के कालेधन, ड्रग्स और मानव तस्करी में फंसाने की दी धमकी भोपाल(ईएमएस)। राजधानी में साइबर जालसाजों ने भेल से रिटायर्ड सुपरवाइजर विनोद कुमार गुप्ता (71) और उनकी पत्नी को दो महीनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 68.30 लाख रुपए की ठगी कर ली। जालसाजों ने खुद को टेलीकॉम और सीबीआई अफसर बताकर दंपती को अपने जाल मे फंसाते हुए कहा की उनके नाम पर 68 करोड़ रुपए के काले धन, ड्रग्स और मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्तता पाई गई है। जेल जाने के डर से घिरे बुजुर्ग दंपती ने 11 अलग-अलग खातों में 68.30 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसकी शिकायत साइबर क्राइम ब्रांच में दर्ज हुई है। जिसकी जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित दंपती अयोध्या नगर स्थित बीएचईएल कॉलोनी में रहते हैं। विनोद कुमार गुप्ता (71) वर्ष 2014 में सुपरवाइजर पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। 4 जुलाई को उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाला खुद को टेलीकॉम और सीबीआई अधिकारी बताकर बोला कि उनके आधार कार्ड से दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में एक सिमकार्ड रजिस्टर्ड किया गया है, जिसका उपयोग आपराधिक गतिविधियों में किया जा रहा है। कॉलर ने आगे डराया कि आपके नाम से आईसीआईसीआई बैंक की पासबुक मिली है, जिसमें 68 करोड़ रुपए का लेनदेन, ड्रग्स और मानव अंगों की तस्करी के साक्ष्य पाए गए हैं। आपको भी इसमें आरोपी बनाया जाएगा और जेल जाना पड़ेगा। जालसाजों ने बुजुर्ग दंपती को धमकाकर डिजिटल अरेस्ट पर रखा। उन्हें निर्देश दिए गए कि किसी से बात न करें, घर से बाहर न जाएं और जांच पूरी होने तक दिए गए निदेर्शों का पालन करें। इसी दौरान उन्हें अलग-अलग खातों में 68.30 लाख रुपए ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ित ने अपनी पेंशन और बचत खाते से रकम निकालकर भेज दी। करीब दो माह तक यह सिलसिला चलता रहा। इस बीच दंपती का बेटा सचिन दिल्ली में नौकरी करता है, वह शुक्रवार को भोपाल पहुंचा। मां-बाप ने जब उसे पूरी बात बताई तो उसने तुरंत जालसाजी को पहचान लिया। उसने माता-पिता को समझाइश देते हुए साइबर थाने ले गया। वहां शिकायत दर्ज कराई गई। - रकम फ्रीज कराने की कोशिश में जुटी पुलिस क्राइम ब्रांच एडीसीपी शेलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जालसाजों ने सुनियोजित तरीके से दंपती को मानसिक दबाव में रखा और फर्जी कागजात दिखाकर उनकी जमा पूंजी हड़प ली। साइबर पुलिस ने खातों और कॉल डिटेलस खंगालना शुरू कर दिए है। जिन खातों में रकम भेजी गई है, उनको फ्रीज कराने की कोशिश की जा रही है। जुनेद / 13 सितंबर