:: भुवनेश्वर में 22 देशों के 500 से अधिक प्रतिभागी होंगे शामिल; भारत के लिए खास मौका :: नई दिल्ली (ईएमएस)। आईटीटीएफ-एटीटीयू की 28वीं एशियन टेबल टेनिस चैंपियनशिप का आयोजन इस बार ओडिशा के भुवनेश्वर में होने जा रहा है, जो राज्य के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह पहला मौका है जब ओडिशा किसी महाद्वीपीय टेबल टेनिस चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा, जो देश में एक प्रमुख खेल केंद्र के रूप में इसकी बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है। यह चैंपियनशिप 11 अक्टूबर से कलिंगा स्टेडियम के एथलेटिक सेंटर में शुरू होगी। यूएई के हटने के बाद भी, 22 देशों ने इसमें अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। इसमें 450 खिलाड़ियों और सहायक कर्मचारियों सहित 500 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। इसके अलावा, एशियन टेबल टेनिस यूनियन (एटीटीयू) के 70-80 शीर्ष अधिकारी भी इस आयोजन में उपस्थित रहेंगे। एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप 16 साल के लंबे अंतराल के बाद भारत में लौट रही है। यह प्रतियोगिता बेहद उच्च स्तर की होगी, क्योंकि इसमें टेबल टेनिस की विश्व शक्तियां, जैसे कि चीन, जापान और कोरिया, अपनी मजबूत टीमों के साथ भाग लेंगी। ये टीमें आगामी 2026 विश्व टीम चैंपियनशिप की तैयारी के तौर पर इस आयोजन को गंभीरता से ले रही हैं। अन्य एशियाई देशों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि यहाँ से 12 टीमें 2026 विश्व टीम चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करेंगी। भारतीय पुरुष और महिला टीमों ने पिछले महीने ही लंदन विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया था, लेकिन यह महाद्वीपीय चैंपियनशिप उन्हें शीर्ष टीमों के खिलाफ अपनी योग्यता साबित करने का मौका देगी। भारतीय खिलाड़ी इस समय कड़ी तैयारी कर रहे हैं, जिनमें से कुछ नई दिल्ली में चल रही राष्ट्रीय रैंकिंग चैंपियनशिप में भाग ले रहे हैं, जबकि कुछ अन्य विदेशी डब्ल्यूटीटी प्रतियोगिताओं में अपने कौशल को निखार रहे हैं। यह आयोजन सिर्फ एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि ओडिशा के लिए अपनी एक नई खेल विरासत गढ़ने का मौका है। चैंपियनशिप के दौरान 13 अक्टूबर को एशियन टेबल टेनिस यूनियन (एटीटीयू) की कार्यकारी बोर्ड की बैठक भी होगी, जिससे इस आयोजन का महत्व और भी बढ़ जाता है। प्रकाश/13 अगस्त 2025