भारत के लिए चिंता की वजह बन सकता है अरब-इस्लामिक नाटो इस्लामाबाद,(ईएमएस)। कतर की राजधानी दोहा पर इजराइल के हवाई हमले के बाद मुस्लिम देश अब नाटो की तरह ही इस्लामिक देशों का एक सैन्य गठबंधन बनाने पर जोर दे रहे हैं, जिसकी मांग पाकिस्तान ने उठाई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि मेरा ख्याल है कि हमें भी नाटो की तर्ज पर एक मिलिट्री गठबंधन बनाना चाहिए। खास बात है कि पाकिस्तान ने हाल ही में अरब देशों की बैठक में भी इस तरह के गठबंधन का जिक्र किया था। आसिफ ने गठबंधन के बारे में कहा कि यह किसी के खिलाफ नहीं होगा, बल्कि अपनी रक्षा के लिए होगा। उन्होंने बताया कि यह आक्रामक नहीं बल्कि रक्षात्मक डिजाइन के ऊपर होगा। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का बयान सोमवार को दोहा में अरब और इस्लामी नेताओं की आपातकालीन बैठक के बाद आया है, जिसमें 40 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। कतर पर इजराइली हमले के बाद चर्चा के लिए बुलाई गई इस बैठक में इस्लामिक देशों के लिए नाटो की तरह सैन्य गठबंधन का विचार सामने आया, जिसका जोरदार स्वागत हुआ। इस बैठक में एकमात्र परमाणु संपन्न मुस्लिम देश पाकिस्तान और उसके दोस्त तुर्की ने भी हिस्सा लिया। बैठक में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री इशाक डार भी शामिल हुए थे। इशाक डार ने कहा कि इजराइल को इस्लामिक देशों पर हमला करने और लोगों की हत्या करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि, पाकिस्तान की मौजूदगी वाला अरब-इस्लामिक नाटो बनना भारत के लिए चिंता की वजह बन सकता है। यह चिंता इसलिए जरूरी है क्योंकि पाकिस्तान लंबे समय से बहुपक्षीय गठबंधनों और मंचों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करता है। इसने अपने आर्थिक संकट के दौरान अरब फंडिंग और तकनीक का इस्तेमाल किया है, जबकि इस्लामिक सहयोग संगठन जैसे मचों के जरिए कश्मीर जैसे मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण किया है। सिराज/ईएमएस 17सितंबर25