कीव (ईएमएस)। रूस और यूक्रेन की जंग रुकवाने के दावे करना वाला अमेरिका अब इस जंग को और ज्यादा तेज करवाने के मूड में है। ये इसलिए कहा जा रहा है कि अमेरिका यूक्रेन को हथियारों की बड़ी खेप देने जा रहा है। इससे आशंका है कि दोनों देशों में जंग भीषण होने का खतरा बढ़ गया है। अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार सहायता भेजने के लिए अपने पहले पैकेज को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, यह पैकेज जल्द ही कीव को भेजा जा सकता है। खास बात यह है कि इस बार हथियारों की आपूर्ति एक नए वित्तीय समझौते के तहत होगी, जिसमें अमेरिका के साथ नाटो के सहयोगी देश भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि इस व्यवस्था के जरिए अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी लगभग 10 अरब डॉलर तक के हथियार यूक्रेन को मुहैया कराने की तैयारी कर रहे हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के लगातार हमलों से नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। ट्रंप ने कई बार संघर्ष को बातचीत के जरिए खत्म करने की इच्छा जताई है, लेकिन अब तक उनके प्रयास सफल नहीं हो पाए हैं। अब तक ट्रंप प्रशासन ने या तो हथियारों की बिक्री की थी या फिर उन गिफ्ट में दिए शिपमेंट्स को भेजा था जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंजूरी दी थी। बाइडेन यूक्रेन के प्रबल समर्थक माने जाते रहे हैं।यह पहली बार है जब अमेरिका और उसके सहयोगियों ने ‘प्राथमिकता प्राप्त यूक्रेन आवश्यकताओं की सूची’नामक नई प्रणाली का उपयोग किया है। इसके तहत नाटो देशों के फंड से अमेरिकी हथियार भंडार से यूक्रेन को सैन्य सहायता दी जाएगी। रक्षा नीति के लिए अंडरसेक्रेटरी एल्ब्रिज कोल्बी ने इस योजना के अंतर्गत करीब 500-500 मिलियन डॉलर मूल्य के दो शिपमेंट्स को मंजूरी दी है। यानी इस बार अमेरिका केवल अपने पैसों से यूक्रेन को हथियार नहीं भेज रहा है बल्कि ट्रंप सरकार ने नाटों देशों से खूब पैसे लिए हैं। यूरोपीय देशों ने जिन हथियारों की खरीद को मंजूरी दी है, उनमें एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल हैं। रूस के ड्रोन और मिसाइल हमलों में भारी बढ़ोतरी के कारण यूक्रेन के लिए ये सिस्टम बेहद आवश्यक हैं। इसके अलावा इंटरसेप्टर्स, रॉकेट्स और आर्टिलरी जैसे हथियार भी इस सूची का हिस्सा बताए जा रहे हैं। फिलहाल पेंटागन ने इस पर आधिकारिक टिप्पणी करने से इनकार किया है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन की मांगें पहले जैसी ही बनी हुई हैं- एयर डिफेंस, इंटरसेप्टर्स, रॉकेट और आर्टिलरी सिस्टम। इस नई साझेदारी के जरिए ट्रांसअटलांटिक सहयोग को और मजबूती मिलने की उम्मीद है, ताकि रूस के हमलों का मुकाबला करने में यूक्रेन सक्षम रह सके। वीरेंद्र/ईएमएस 18 सितंबर 2025