ज़रा हटके
19-Sep-2025
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लंदन,(ईएमएस)। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि समंदर के अंदर दुनिया का अथाह खजाना छिपा हुआ है। यह खजाना शुद्ध सोने के रूप में मौजूद है, जिसकी कीमत खरबों डॉलर है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी के महासागरों और सागरों में लाखों टन सोना मौजूद है, जो पानी में घुला हुआ है। दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने इस सोने को निकालने के तरीकों पर शोध किया है, लेकिन यह कोई आसान काम नहीं है। हर 10 करोड़ मीट्रिक टन समुद्री जल में एक ग्राम सोना मिलता है। सवाल उठता है कि यह सोना कैसे निकाला जा सकता है और भविष्य में समुद्र से सोना निकालना संभव हो सकेगा या नहीं? एक रिपोर्ट ने सोने को निकालने के तरीके सुझाए हैं, लेकिन प्रक्रिया अभी भी आर्थिक रूप से बहुत मंहगी और जटिल है। वैज्ञानिकों का मानना है कि समुद्र में लाखों टन सोना है, जिसकी कीमत मौजूदा अनुमानों के अनुसार, 2000 करोड़ डॉलर हो सकती है। अनुमान के अनुसार, समुद्र के पानी में 2 करोड़ टन सोना घुला हुआ है। इस सोने के खनन पर अक्सर चर्चा होती रही है, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकला है। यह सोना प्राकृतिक प्रक्रियाओं के जरिए सागरों तक पहुंचा है। इसमें एक प्रक्रिया भूमि अपरदन है, यानी चट्टानों और अन्य प्राकृतिक वस्तुओं से सोना धीरे-धीरे समुद्र में पहुंचा है। बारिश और नदियां धीरे-धीरे चट्टानों को तोड़ती हैं। इस दौरान उसमें मौजूद सोने की कुछ मात्रा समुद्र में पहुंच जाती है। इसके अलावा हाइड्रोथर्मल वेंट भी जिम्मेदार है। यह उन क्षेत्रों में होता है, जहां टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं, जिससे गर्मी के कारण सोने सहित घुले हुए खनिजों से युक्त तरल पदार्थ निकलते हैं। समुद्र से सोना निकालना बेहद जटिल प्रक्रिया है। विशाल क्षेत्रों में सोना अल्पमात्रा में मौजूद है। एक लीटर पानी में 1 नैनोग्राम से भी बहुत कम सोना है। यहां समझना जरूरी है कि 1 अरब नैनोग्राम से एक ग्राम होता है। समुद्री खनन एक तकनीकी चुनौती बना हुआ है। 1941 में किए गए नेचर पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में एक विद्युत रासायनिक विधि का प्रस्ताव रखा गया था, जिसकी लागत सोने के मूल्य से 5 गुना अधिक होती। आशीष/ईएमएस 19 सितंबर 2025