काहिरा(ईएमएस)। काहिरा के मशहूर मिस्र संग्रहालय से 3,000 साल पुराना एक अनमोल सोने का कंगन रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। यह कंगन कभी मिस्र के फिरौन किंग अमेनेमोपी का हुआ करता था। नीले रंग के लैपिस लाजुली पत्थर से जड़ा यह कंगन आखिरी बार संग्रहालय के रेस्टोरेशन लैब में देखा गया था। इसके बाद वह अचानक लापता हो गया। मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि मामला अब सुरक्षा एजेंसियों और पब्लिक प्रॉसीक्यूशन ऑफिस को सौंप दिया गया है। प्राचीन खजाना होने के कारण इसकी कीमत करोड़ों में मानी जाती है। मंत्रालय ने सभी अन्य पुरावशेषों की गिनती और जांच के आदेश दिए हैं। मिस्र में प्राचीन धरोहरों की तस्करी पहले भी बड़ी चुनौती रही है। पिछले साल भी अधिकारियों ने सैकड़ों प्राचीन वस्तुएं समुद्र से चोरी करने की कोशिश कर रहे दो लोगों को गिरफ्तार किया था। यानी, हजारों साल पुरानी यह सुनहरी कड़ी अब एक रहस्य बन गई है। देशभर के एयरपोर्ट्स, सीपोर्ट्स और बॉर्डर पोस्ट पर कंगन की तस्वीरें भेज दी गई हैं ताकि इसे बाहर तस्करी से जाने से रोका जा सके। संग्रहालय के डायरेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर जिस कंगन की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, वह वही कंगन नहीं है, बल्कि अभी भी म्यूजियम में सुरक्षित रखा हुआ दूसरा पीस है। इतिहासकारों के मुताबिक, यह कंगन 21वीं वंश के शासक अमेनेमोपी का है, जिन्हें मिस्र का ‘कम चर्चित लेकिन बेहद दिलचस्प शासक’ कहा जाता है। उनकी कब्र 1940 में पूर्वी नील डेल्टा में खोजी गई थी। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में फोरेंसिक पुरातत्वविद् क्रिस्टोस सिचिरोगियानिस, जो अंतरराष्ट्रीय आर्ट और एंटीक्विटीज तस्करी नेटवर्क की जांच करते हैं, मानते हैं कि कंगन के साथ कई संभावनाएं जुड़ी हो सकती हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि या तो इसे चुरा कर बाहर भेज दिया गया होगा और जल्द ही यह किसी ऑक्शन हाउस या प्राइवेट कलेक्शन में सामने आ सकता है।दूसरी संभावना यह है कि इसे पिघलाकर सोने में बदल दिया जाए, ताकि पहचान से बचा जा सके। तीसरी स्थिति यह हो सकती है कि यह किसी निजी कलेक्टर के पास पहुंच जाए, जहां से यह बाहर कभी न निकले। एक रहस्यमय विकल्प यह भी है कि चोर इसे अचानक वापस कर दे या यह म्यूजियम के आसपास ही मिल जाए, जैसा कि पहले भी कई बार मिस्र में हुआ है। वीरेंद्र/ईएमएस 19 सितंबर 2025