राष्ट्रीय
29-Sep-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। ऑफिस में घंटों बैठकर एक ही मुद्रा में काम करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें रीढ़ की हड्डियों से दर्द की शुरुआत हो सकती है, जो समय के साथ गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है। ऐसे में कई योगासन हैं, जो इन समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक हैं। ऐसे ही एक आसन का नाम है अर्धचक्रासन। अर्धचक्रासन का अर्थ है आधा चक्र। इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर को इस तरह से घुमाया जाता है कि यह देखने में आधे पहिये के आकार का लगता है। अंग्रेजी में इसे हाफ व्हील पोज कहते हैं। मोटापे से परेशान लोगों के लिए भी ये आसन बेहद फायदेमंद है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, अर्धचक्रासन एक ऐसा योगासन है, जो न केवल रीढ़ की हड्डियों को मजबूत करता है, बल्कि हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) को नियंत्रित करने में भी प्रभावी है। इस आसन में सीधे खड़े होकर पीछे झुकना होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। अर्धचक्रासन केवल स्ट्रेचिंग नहीं है, यह रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाता है, मांसपेशियों और नसों को मजबूती देता है, साथ ही सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। यह आसन रक्त संचार को बेहतर बनाता है, तनाव कम करता है और मुद्रा में सुधार कर ब्लड प्रेशर को स्थिर रखता है। फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में भी यह सहायक है, जो हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसको लेकर हेल्थ एक्सपर्ट सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। चक्कर या संतुलन की समस्या वाले लोग इस आसन को करने से बचें। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसे धीरे-धीरे और सावधानी से करना चाहिए। इस आसन को करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना विशेष रूप से जरूरी है, खासकर दवाओं का सेवन करने वालों के लिए। अर्धचक्रासन के नियमित रूप से अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। हालांकि, इन्हें धीरे-धीरे और सही तकनीक के साथ करना जरूरी है। सुदामा/ईएमएस 29 सितंबर 2025