राष्ट्रीय
01-Oct-2025
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-वांगचुक की पत्नी गीतांजलि का दावा- गिरफ्तारी ऑर्डर की नहीं दी कॉपी लेह,(ईएमएस)। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने कहा है कि उन्हें दिल्ली आना पड़ा ताकि वे अपनी बात देश के सामने रख सकें, क्योंकि लेह में मीडिया से बात करने की उनकी कोशिशें रोकी जा रही हैं। वांगचुक को शुक्रवार को हिरासत में लेकर जोधपुर जेल भेज दिया था। उनकी गिरफ्तारी से पहले लेह में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिनमें चार लोगों की मौत हो गई और करीब 100 लोग घायल हुए थे। गातांजलि ने बताया कि लेह में कर्फ्यू लगा है और इंटरनेट बंद है। उन्होंने कहा कि न तो हम काम कर पा रहे हैं, न ही मीडिया के सामने अपनी बात रख पा रहे हैं। मीडिया कर्मियों को हमारे संस्थान में प्रवेश तक नहीं दिया जा रहा है। जब कुछ पत्रकार आए तो सीआरपीएफ के जवान उनके पीछे-पीछे कैंपस तक पहुंच गए। हालात दमनकारी होते जा रहे हैं। वांगचु की पत्नी ने दावा किया कि अब तक उन्हें वांगचुक की हिरासत आदेश की कॉपी नहीं दी गई है और स्थानीय अधिकारी फोन कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, न तो मुझे वांगचुक से बात करने दी गई और न ही आदेश दिखाया गया। मुझे केवल इतना पता है कि वे जोधपुर सेंट्रल जेल में हैं लेकिन उनकी स्थिति क्या है, इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल एकतरफा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही है और विपक्षी आवाजों को दबा रही है। उन्होंने कहा कि यह किसी लोकतंत्र का तरीका नहीं हो सकता। हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार होना चाहिए। अभी सरकार पूरी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है, इंटरनेट बंद है और हमें मीडिया तक पहुंच से रोका जा रहा है। वांगचुक पर युवाओं को भड़काने के आरोपों को गीतांजलि आंगमो ने झूठा बताया। उन्होंने कहा कि वांगचुक पांच साल से शांतिपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं। असल में हालात सीआरपीएफ की गोलीबारी से बिगड़े। सरकार को बताना होगा कि उन्हें गोली चलाने का अधिकार किसने दिया। सीबीआई द्वारा एफसीआरए उल्लंघन के आरोपों की जांच पर गीतांजलि ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों से सहयोग कोई अपराध नहीं है। यह सेवाओं का निर्यात है। हमारे पास सभी कानूनी समझौते हैं और सीबीआई को सौंप दिए गए हैं। उन्होंने भी माना कि इसमें कुछ गलत नहीं है। सिराज/ईएमएस 01अक्टूबर25