- बच्चे को वापस पाने थाने पहुचीं मां भोपाल(ईएमएस)। राजधानी में रेप पीड़िता द्वारा जन्म दिये गये बच्चे को डॉक्टर दंपत्ति द्वारा अपने पास रखने का विवाद सामने आया है। 25 साल की दुष्कर्म पीड़िता का आरोप है, कि वह गर्भपात कराने गई थी, लेकिन डॉक्टर दंपती ने ऐसा करने से रोका और कहा कि उसका बच्चा वे पाल लेंगे और उसकी शादी भी कर देंगे। इसके बाद डिलीवरी तक दंपती द्वारा उसे अपने घर रखा गया। आरोप है कि बच्चा होने के बाद दंपती ने उसे बाहर कर दिया और उसका बच्चा रख लिया। ता अब अपना बच्चा वापस पाने लिये पीड़िता महिला थाने पहुचीं है। मामले में फिलहाल पुलिस की और से कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया है की वह अकेली रहती है, करीब 2 साल पहले एक क्लब में उसकी पहचान एक युवक से हुई थी। नजदीकियां बढ़ने के बाद दोनो का एक-दूसरे के घर आना-जाना शुरू हो गया। दिसंबर 2024 में युवक उसे अपने घर ले गया और चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाने के बाद उसके साथ ज्यादती कर डाली। चार महीने बाद तबीयत बिगडने पर जब वह अस्पताल पहुचीं तब पता चला की वह गर्भवती है। इसके बाद 15 जुलाई 2025 को वह गर्भपात कराने एक निजी अस्पताल पहुंची। यहां मिले डॉक्टर दंपती ने उससे कहा की बच्चा मत गिराओ, हम तुम्हारे बच्चे का ध्यान रखेंगे और तुम्हारी शादी भी कराएंगे। पीड़िता उनकी बात मान गई। करीब दो महीने तब वह उनके घर रही। 10 सितंबर को दंपत्ति उसे रायसेन रोड स्थित अस्पताल लेकर पहुंचे। वहॉ उसकी डिलीवरी हुई, उसे बताया गया कि बेटा पैदा हुआ है। दो दिन बाद छुट्टी कराकर वह उसे घर ले आए। इसके बाद 15 सितंबर को बच्चा अपने पास रखकर उसे घर से भगा दिया। इसके बाद वह अपना बच्चा वापस पाने के लिए भटक रही है। इस बीच उसकी मुलाकात निर्भया फाउंडेशन वालों से हुई। निर्भया फाउंडेशन के सदस्यो का कहना है कि उनकी और से पीड़िता की काउंसलिंग कराई गई। इस दौरान सामने आया की जब वह छोटी थी तब उसके मां-पिता का तलाक हो गया था। इसके बाद वह नानी के साथ रहने लगी। करीब 2 साल पहले नानी की मौत के बाद वह अकेली रहती थी। पीड़िता ने शनिवार को महिला थाने में शिकायती आवेदन दिया था। उसे अगले दिन प्रकरण दर्ज कराने के लिए बुलाया गया उसके साथ निर्भया फाउंडेशन के लोग भी पहुंचे थे। लेकिन युवती ने कहा कि फिलहाल वह कार्रवाई नहीं चाहती है। जुनेद / 29 सितंबर