क्षेत्रीय
29-Sep-2025
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भोपाल(ईएमएस)। एमपी हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह याचिकाएं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई गिरफ्तारी के खिलाफ दायर की गईं थी। जमानत कैसिंल करने का आदेश देते हुए जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल की एकलपीठ ने कहा कि आवेदक पर गंभीर आरोप हैं, इसलिए जमानत देना उचित नहीं होगा। कोर्ट ने 22 जुलाई को जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित कर लिया था। हालांकि सुनवाई के दौरान सौरभ शर्मा के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि ईडी द्वारा जब्त की गई पूरी संपत्ति सौरभ शर्मा की नहीं है। और जिन संपत्तियों को आरोपी से जोड़कर देखा जा रहा है, वास्तव में वे उसकी नहीं हैं। ईडी की और से इसका विरोध दर्ज कराते हुए कहा गया कि सौरभ शर्मा ही वह व्यक्ति है, जिसने अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने के बाद उन्हें अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम पर ट्रांसफर किया है। यह तरीका आरोपी द्वारा पहचान और संलिप्तता छिपाने के लिए अपनाया गया था। * यह था मामला ईडी ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर 17 दिसंबर 2024 को रेड मारी थी। कार्यवाही के दौरान उसके निवास से करोड़ों की नकदी और लगभग दो क्विंटल चांदी की सिल्लियां जब्त की गईं। जांच के बाद ईडी ने सौरभ शर्मा सहित उसके परिवार के सदस्यों सहित कुल 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इन सभी पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई। मामले में इससे पहले भोपाल की जिला एवं सत्र न्यायालय ने, 24 अप्रैल 2025 को सौरभ शर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। जुनेद / 29 सितंबर