गुजरात मे सूरत उधोग और डायमंड उधोग में रोजगार के लिए उतर भारत के लोगो की संख्या करीब 15 लाख तक पहुंच गई है। दिपाली,छठ पूजा और बिहार चुनाव तीनो अवसर एक साथ आ जाने से सूरत सहित सूरत के उधना स्टेशन पर अप्रत्याशित भीड़ उमड़ रही है। दिवाली और छठ पूजा में गिनती के दिन बाकी है। उसी तरह मुम्बई से उदयपुर,भीलवाड़ा ,चितौड़गढ़ वाया अहमदाबाद से जाने वाली ट्रेन की कमी का खामियाजा सात लाख प्रवासी भोग रहे है। रोजगार ढूंढने आने वाले व्यापारी वर्ग,उधोगपतियों और श्रमिको को घर जाने पर आवागमन की सुविधा नही मिलती है। सूरत शहर में कपड़ा,डायमंड उधोग से जुड़े मजदूर वर्ग को दिवाली वैकेशन का इंतजार रहता है। सिल्क सिटी और डायमंड नगरी के नाम से प्रख्यात सूरत में लाखों प्रवासी श्रमिक हर साल त्योहारों में अपने वतन परिवारों के पास पहुंचते है। खासकर,बिहार चुनाव के मद्देनजर रवानगी लेने वालों की संख्या बहुत बढ़ गई है। स्टेशन पर जगह जगह पर अफरातफरी का माहौल है। ट्रेनों में सीट पाने के लिए धक्का-मुक्की की नौबत आ रही है। कई लोग शौचालय में बैठकर सफर कर रहे है। रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए इन्तजाम किये गए है। स्टेशन पर हर कोने पर सीसीटीवी की निगरानी है। लेकिन आलम यह है कि हर बार की तरह यात्री इस बार भी बहुत परेशान हो रहे है। भीड़ वाले हिस्सो में सर्विलांस भी किये गए है। दिवाली अवकाश को लेकर उतर प्रदेश,बिहार, झारखंड और ओडिसा सहित राजस्थान रवाने होने वाले यात्रियों की उधना रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ देखने को मिली है। देश भर में 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है। जो 15 नवम्बर तक जारी रहेगी। स्पेशल ट्रेन का सफर फेस्टिवल तक सुविधा उपलब्ध की जा सकती है। लेकिन मुम्बई उदयपुर के लिए प्रतिदिन एक भी ट्रेन उपलब्ध नही है। उदयपुर के लिए साप्ताहिक तीन दिन ट्रेन चलती है। इसके लिए उधोग जगत से जुड़े हुए उधोगपतियों ने रेलवे मंत्री से भी गुहार लगाई है। लेकिन रेल सेवा उपलब्ध नही हुई। मेवाड़ प्रवासियों की संख्या 8 लाख है। मुम्बई और सूरत में कपड़ा उधोग और डायमंड उधोग से जुड़े व्यापारियों और श्रमिको को हररोज बतौर आवागमन करना पड़ता है। सूरत से मेवाड़ के लिए सीधी निजी बसों की सुविधा है। सरकार की एक भी बस सूरत से उदयपुर के लिए नही है। ऐसे हालात में प्रवासियों को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ता है। उतर भारत का भी यही आलम है। अहमदाबाद पटना स्पेशल ट्रेन 1 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक,सप्ताह में दो बार चलेगी। सूरत दरभंगा हर तीन दिन में एक ट्रेन की सुविधा दी जा रही है। बांद्रा टर्मिनल गोरखपुर स्पेशल छठ की पूर्व संध्या पर विशेष ट्रेन,वापसी की व्यवस्था सहित चलाई जा रही है। लेकिन इसके बावजूद सूरत से जाने वालों की संख्या इस बार लाखो है। तब सवाल उठता है कि बड़ी संख्या में यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। विशेष ट्रेनों के बजाय नियमित अनरिजर्व्ड ट्रेनों की व्यवस्था की घोषणा की है। फिर भी यात्रियों की संख्या बहुत अधिक है कि अतिरिक्त ट्रेनें भी कम पड़ रही है। यात्रियों से अपील की जा रही है कि शांति बनाए रखे। टेक्सटाइल उधोग और डायमंड उधोग का प्रमुख केंद्र है। जहाँ बड़ी संख्या में उत्तरभारतीयों और राजस्थान सहित मेवाड़ उदयपुर के प्रवासी है। ये प्रवासी कपड़े की मिलो में काम करते है। जहां से अरबो रुपये का राजस्व रेलवे और केंद्र सरकार को जाता है। लेकिन परिवहन सेवा के लिए आज भी लाखों प्रवासी झुंझ रहे है। सरकार सुनती नही है। कई बार उदयपुर के लिए मेवाड़ रेल चलाओ अभियान की मुहिम चला कर ज्ञापन प्रेषित किया जा चुका है। लेकिन इन प्रवासियों की मांगे मंजूर नही की जा रहीं है। सूरत पर सरकार को आवागमन पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उदयपुर मेवाड़ के लिए मुम्बई और सूरत से वाया अहमदाबाद होकर गुजरने वाली एक भी प्रतिदिन चलने वाली ट्रेन की सुविधा नही है। प्रवासी यात्रियों की पीड़ा काश कोई अनुभव कर सकता तो निश्चित ही ट्रेन सुविधा उपलब्ध करा दी गई होती। उत्तरभारत के दिवाली,छठ और बिहार चुनाव के इस संगम को ध्यान में रखते हुए रेलवे मंत्रालय विशेष ट्रेन की सुविधा दिवाली के पूर्व उपलबन्ध करानी होगी, तभी लोगो का आवागमन सुलभ हो सकता है। उधना में होर्डिंग एरिया में सैकड़ो श्रमिक एकट्ठा हुए हैं। जबकि लाइन लगाकर ट्रेन में बैठने के लिए जान पड़ता है। यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए स्थाई समाधान कराया जाए। क्योंकि छठ,पूजा और बिहार चुनाव में सुविधा उपलब्ध हो सकती है। लेकिन उदयपुर मेवाड़ के लिए कई बार ट्रेन उपलबन्ध कराने की मांग स्वीकृत नही हुई है। सूरत से उदयपुर के लिए सप्ताह में तीन दिन यात्रियों को सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। वह नाकाफी है। सूरत से निजी बसों का संचालन है। वे मनमाफिक किराया वसूल कर रहे है। सीजन में डबल स्लीपर की रेट उदयपुर के लिए तीन हजार तक मुकर्रर की जाती है। लेकिन उसके बाद भी प्रवासियों को परेशान होना पड़ता है। प्रवासियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर ट्रेन सुविधाओं पर रेल मंत्रालय ध्यान आकृष्ट कर सुविधा उपलब्ध कराई जाए। देश मे 12 हजार स्पेशल ट्रेन शुरू की गई है। लेकिन सूरत में तो ऊंट के मुह में जीरा वाली कहावत ही चरितार्थ होती दिखाई दे रही है। उदयपुर, चितौड़गढ़ के बीच सूरत से दूरिया कम होने के कारण यात्रियों का आवागमन होता ही रहता है। जबकि उतर भारतीय तो सालभर में एक बार घर लौटते है। भीड़ की वजह से परिवार बच्चों के साथ यात्रा करने पर अधिक तकलीफ होती है। धक्का-मुक्की से परेशान बच्चे और मेरारु के लिए पीड़ादायक है। सूरत में होर्डिंग एरिया में पैर रखने की जगह नही है। हालात काबू में करने के लिए रेलवे पुलिस ने मैनेजमेंट की व्यवस्था की है। चप्पे चप्पे पर पुलिसकर्मियों की तैनाती है। होर्डिंग एरिया में यात्रियों को कतारबद्ध तरीके से खड़े रहने और बैठने की व्यवस्था की गई है। अस्थाई सुविधा के लिए बिहार विकास परिषद और सामाजिक संगठनों ने रेलवे सुविधा देने के लिए अपील की गई है । उधर मेवाड़ रेल चलाओ अभियान के कार्यकर्ताओं ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से गुहार लगाई है। मेवाड़ रेल चलाओ अभियान के अध्यक्ष सुरेश लौढा ने बताया कि उदयपुर के लिए हररोज दो ट्रेन की आवश्यकता है। जिसको प्रतिदिन मुम्बई से वाया अहमदाबाद होकर उदयपुर और मावली तक सेवा दी जानी चाहिए,जिससे समस्या का समाधान हो जाएगा। मुम्बई से 750 की दूरी है। जबकि उदयपुर सूरत की 450 किमी की दुरी है। यहां से हर रोज लोगो का आवागमन होता है। दरअसल, उत्तरभारत के लिएभी ट्रेन सुविधा उपलब्ध कराई जानीही चाहिए। लेकिन उनके लिए फेस्टिवल ट्रेन का बहुत महत्व है। क्योंकि उनको हररोज उत्तरभारतीयों को नही जाना होता है। ट्रेन में इस वक्त सवार होना किसी जंग से कम नही है। धक्का मुक्की कर ट्रेन में प्रवेश भी कर दिया तो अंदर जाकर खड़ा ही रहना पड़ता है। जिससे किसी अनहोनी को नजरअंदाज नही किया जा सकता है। दिवाली महापर्व और उसके बाद बिहार-उत्तर प्रदेश में छठ के त्योहार पर कंफर्म रेल टिकट की मारामारी के चलते प्रवासियों के लिए घर जाना मुश्किल हो रहा है। मध्यप्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ और गुजरात से बिहार-उत्तर प्रदेश जाने तथा दक्षिण भारत से इन प्रदेशों में आने वाली प्रमुख ट्रेनों में नवंबर के दूसरे सप्ताह तक कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। सूरत में उधोग से जुड़े श्रमिकों के लिए उत्तरप्रदेश, बिहार,छतीसगढ़, राजस्थान, एमपी आदि राज्यों के लिए ट्रेन सुविधाए उपलब्ध कराए, जिससे श्रमिको को आवाजाही में परेशानी नही हो सके। ईएमएस / 14 अक्टूबर 25