डा. अब्दुल कलाम जयंती (15 अक्टूबर) पर विशेष ) डॉ कलाम साहब को मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता था. वे भारत के भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। डॉ अब्दुल कलाम को पीपल्स प्रेजिंडेट भी कहा जाता था उनका मानना था कि श्इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैंश्. ऐसे प्रेरणादायी शब्द से छात्रों को संबोधित करते रहते थे.एक साधारण परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में इनका जन्म हुआ. अपनी मेहनत और बुद्धिमता से ना सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में प्रसिद्धि हासिल की और भारत के राष्ट्रपति पद तक का सफर तय किया बल्कि ये भी साबित किया कि अगर कोई इंसान ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है. 1963 में कलाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान, इसरो से जुड़े और यहां भी भारत की ताकत को बढ़ाने में अपना योगदान दिया. सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल के प्रॉजेक्ट मिशन से जुड़े. अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है उन्होंने अपनी मेहनत और क्षमता के दम पर भारत को वो शक्ति दी जिससे भारत अपनी धाक दुनिया के सामने जमा सका. 1982 में कलाम रक्षा अनुसंधान विकास संगठन, क्त्क्व् से जुड़े और उनके नेतृत्व में ही भारत ने नाग, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल और अग्नि जैसे मिसाइल विकसित किए. इन्होंने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये। उनके भाषणों में कम से कम एक कुरल का उल्लेख अवश्य रहता था। राजनीतिक स्तर पर कलाम की चाहत थी कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका विस्तार हो और भारत ज्यादा से ज्याद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाये। भारत को महाशक्ति बनने की दिशा में कदम बढाते देखना उनकी दिली चाहत थी। उन्होंने कई प्रेरणास्पद पुस्तकों की भी रचना की थी और वे तकनीक को भारत के जनसाधारण तक पहुँचाने की हमेशा वकालत करते रहे थी। बच्चों और युवाओं के बीच डाक्टर कलाम अत्यधिक लोकप्रिय थे। वह भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलपति भी थे।ष्ट्रपति पद से सेवामुक्त होने के बाद डॉ कलाम शिक्षण, लेखन, मार्गदर्शन और शोध जैसे कार्यों में व्यस्त रहे और भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिल्लोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर, जैसे संस्थानों से विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे। इसके अलावा वह भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर के फेलो, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, थिरुवनन्थपुरम, के चांसलर, अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई, में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भी रहे।उन्होंने आई. आई. आई. टी. हैदराबाद, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी और अन्ना यूनिवर्सिटी में सूचना प्रौद्योगिकी भी पढाया था।कलाम हमेशा से देश के युवाओं और उनके भविष्य को बेहतर बनाने के बारे में बातें करते थे। इसी सम्बन्ध में उन्होंने देश के युवाओं के लिए “व्हाट कैन आई गिव’ पहल की शुरुआत भी की जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार का सफाया है। देश के युवाओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें 2 बार (2003 - 2004) ‘एम.टी.वी. यूथ आइकॉन ऑफ़ द इयर अवार्ड’ के लिए मनोनित भी किया गया था।वर्ष 2011 में प्रदर्शित हुई हिंदी फिल्म ‘आई ऍम कलाम’ उनके जीवन से प्रभावित है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने विंग्स ऑफ फायर, इग्नाइटेड माइंड्स, इंडिया 2020 जैसी कई मशहूर और प्रेरणा देने वाली किताबें लिखी हैं. जो खासकर छात्रों को प्रेरित करती रही.इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई।! सपने वो नहीं होते जो रात को सोने समय नींद में आये, सपनें वो होते हैं जो रातों में सोने नहीं देतेश्. ऐसे दमदार विचार रखने वाले भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अब इस दुनिया में नहीं रहे. किये।27 जुलाई 2015 की शाम डॉ अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में श्रहने योग्य ग्रहश् पर एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें जोरदार कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और ये बेहोश हो कर गिर पड़े। लगभग 6रू30 बजे गंभीर हालत में इन्हें बेथानी अस्पताल में आईसीयू में ले जाया गया और दो घंटे के बाद इनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई।जिसके बाद करोड़ों लोगों के प्रिय और चहेते डॉ अब्दुल कलाम परलोक सिधार गए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भगवान राम के बारे में शोध किया था, खासकर रामायण काल के हथियारों और रामसेतु जैसे विषयों पर। वे भारतीय संस्कृति और साहित्य में गहरी रुचि रखते थे और रामसेतु पर शोध को आधुनिक हथियारों के विकास में मददगार मानते थे। उनका मानना था कि रामेश्वरम में रहने और पिता के साथ मंदिर जाने के कारण भगवान राम के प्रति उनकी विशेष श्रद्धा थी। शोध और रुचि: डॉ. कलाम रामायण काल के अस्त्र-शस्त्रों पर शोध करने में रुचि रखते थे, यह मानते हुए कि इससे आधुनिक हथियारों के विकास में मदद मिल सकती है। खासकर, भीड़ नियंत्रण के लिए सम्मोहन अस्त्र जैसे विषयों पर उनका शोध था। रामसेतु: उन्होंने रामसेतु के बारे में भी शोध किया था और इसका संबंध उस समय से जोड़ा था जब समुद्र स्तर लगभग \(28\) मीटर बढ़ा था। आस्था और जन्मस्थान: रामेश्वरम में जन्म और पालन-पोषण के कारण, वह अपने पिता के साथ अक्सर रामेश्वरम मंदिर जाते थे। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन अब्दुल कलाम जिन्होंने भारत का सर्वोच्च पद संभाला, जिन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान मिला। लेकिन उन्होंने कभी अपने पद की शक्ति का अहंकार नहीं किया। वो हमेशा लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहते थे। उन्होंने देश सेवा और लोगों की सेवा को ही अपना पहला और अंतिम लक्ष्य बना लिया था और उसी पथ पर वो जीवनभर चलते रहे। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन अब्दुल कलाम के जिन्होंने अपने जीवनकाल में कई ऐसे अनमोल और प्रेरणादायी वचन कहे हैं। जिन्हें अगर आप आत्मसात कर लें यानी अपनी आत्मा में बिठा लें तो यकीन मानिए इससे आपका भविष्य तो उज्ज्वल होगा ही, साथ ही आपके जीवन को भी ये बेहतर बना देगा। मिसाइलमैन अब्दुल कलाम के 10 अनमोल और प्रेरणादायी वचन। 1. ऊंचाई तक जाने के लिए शक्ति अर्थात योग्यता की आवश्यक्ता होती है, चाहे वो ऊंचाई एवरेस्ट की हो या आपके करियर की। 2. मुश्किलें जिंदगी का हिस्सा हैं। उसके कारण जिंदगी को समाप्त नहीं किया जा सकता, लेकिन स्वयं की मदद करें जिससे आप अपनी ताकत को जान सकें। मुश्किलों को भी पता चलने दो कि उसके लिए आप कितने मुश्किल हैं। 3. इंसान को जीवन में मुश्किलों की जरूरत है, क्योंकि यही मुश्किलें सफलता का सुख अनुभव कराती हैं। 4. हमें उम्मीद नहीं छोड़ना चाहिए और न ही खुद को हारने की अनुमति देनी चाहिए। 5. किसी सपने को पूरा करने के लिए सपने देखना जरूरी है। 6. अपने मिशन में सफल होने के लिए हमें अपने लक्ष्य की ओर एकाग्रचित होकर कार्य करना चाहिए। सफलता जरूर मिलेगी। 7. अंग्रेजी बहुत आवश्यक है। वर्तमान समय में विज्ञान संबंधी मूल ज्ञान अंग्रेजी में ही मौजूद हैं। लेकिन मुझे विश्वास है कि कुछ दशक बाद हमारी भाषा में भी विज्ञान का मूल ज्ञान होगा और उस समय हम भी जापानियों जैसे परिवर्तन कर पाएंगे। 8. धर्म की स्थापना के लिए किसी को मारना, किसी धर्म में इसका उल्लेख नहीं है। 9. भगवान जो हमारे निर्माता हैं, उन्होंने हमारे मन, दिमाग और व्यक्तित्व को कई शक्तियां और योग्यता दी हैं। प्रार्थना हमें अपनी शक्तियों को बढ़ाने में हमारी मदद करती है, इसलिए प्रार्थना करें। 10. एक अच्छी किताब सौ दोस्तों के समान है, पर एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय (लाइब्रेरी) के बराबर होता है। इसलिए बेहतर है कि एक अच्छा दोस्त बनाएं। इसलिए, राम और हिंदू धर्म के प्रति उनकी विशेष श्रद्धा थी, भले ही वह जन्म से मुस्लिम थे। समानता का प्रतीक: रामेश्वरम में लोगों ने कलाम की प्रतिमा को रामेश्वरम मंदिर में स्थापित किया है, जो दिखाता है कि उन्होंने कैसे एक महान व्यक्ति के रूप में लोगों के दिलों में जगह बनाई। .../ 14 अक्टूबर/2025