खेल
14-Oct-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के आक्रामक सलामी बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग के लिए साल 2008 काफी खराब रहा है। तब ऑस्ट्रेलिया दौरे में उन्हें अंतिम ग्यारह में जगह नहीं मिल रही थी। जिससे वह टीम के कोच गैरी क्रिस्टन और कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पर भड़क गये थे और यहां तक कहा था कि मैं यहां पानी पिलाने नहीं आया हूं। अंतिम ग्यारह में नहीं रखना है तो मुझे बाहर कर किसी अन्य को अवसर दो। सहवाग ने स्वयं एक शो में ये बात बतायी है। सहवाग के लिए साल 2008 बेहद खराब रहा था। उन्होंने टीम से बाहर किए जाने के बाद संन्यास तक लेने का फैसला कर लिया था पर सचिन तेंदुलकर से समझाने के बाद अपना फैसला बदल दिया था। इसके बाद उन्होंने 2011 विश्व कप में शानदार पारी खेली थी। सहवाग के अनुसार वो चाहते थे अगर टीम में हैं तो उनको मैच खेलने का मौका दिया जाए नहीं तो किसी और खिलाड़ी को उनकी जगह टीम में शामिल कर लिया जाए। सहवाग की जगह पर कप्तान धोनी ने पहले गौतम गंभीर और फिर बाद में रॉबिन उथप्पा को अंतिम ग्यारह में जगह दी थी। शुरु सहवाग ने कहा, “जब मैं 2008 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर था और एकदिवसीय टीम के बीच टूर्नामेंट के दौरान बाहर कर दिया गया तो। मुझे बेहद खराब लगा। मैंने जाकर बोला, देखो मैं बाहर बैठने के लिए नहीं आया हूं, पानी पिलाने के लिए नहीं आ सकता हूं।” इसलिए अगर आप मुझे टीम में नहीं रख रहे तो मैच खेलने नहीं दे रहे तो किसी और को टीम में मेरी जगह पर चुन लो। जिसे भी आप चुनेंगे उसको टीम के साथ रहने का अनुभव तो मिेलेगा। गिरजा/ईएमएस 14अक्टूबर 2025