नई दिल्ली (ईएमएस)। यूरोप की नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब रूसी लड़ाकू विमानों की क्षमता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ईंधन के लिए ऐसा केमिकल भेज रहा है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध में काल बना रहा हैं। भारत इन केमिकल्स का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता माना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, कीव स्थित एक थिंक टैंक के अनुसार, दिल्ली और मुंबई स्थित आधा दर्जन से ज्यादा भारतीय कंपनियों आपूर्तिकर्ताओं और निर्माताओं ने 2024 में रूस द्वारा आयातित कुल फ्यूल एडिटिवस का करीब आधा हिस्सा आपूर्ति किया है। ईंधन योजक तरल रूप में रासायनिक यौगिक होते हैं, जिन्हें वाणिज्यिक और सैन्य दोनों प्रकार के विमानों के प्रदर्शन को बेहतर करने विमानन ईंधन में मिलाया जाता है। ईंधन योजक मूलतः सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किए जाते हैं। ये वाणिज्यिक जेट और युद्धक विमानों, दोनों को इंजन के घिसने और खराब होने से बचाने में मदद करते हैं। भारत इसतरह के उत्पादों का निर्यात अमेरिका सहित कई देशों को करता है। न भारत और न ही भारतीय कंपनियों पर किसी भी तरह के गलत काम का आरोप लगाया गया है। यूक्रेन की आर्थिक सुरक्षा परिषद ने बताया कि इस तरह के ईंधन संवर्द्धक का उपयोग रूसी एस-34 और एसयू-35एस लड़ाकू विमानों में होता है, जिसका उपयोग व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर क्रूज, सुपरसोनिक और गाइडेड मिसाइलों के साथ-साथ ग्लाइड बमों से हमला करने के लिए किया है। रूस ने इन जेट विमानों का उपयोग युद्ध की अग्रिम पंक्ति से दूर पश्चिमी यूक्रेन के शहरों पर हमला करने के लिए किया है, इस कारण नाटो बलों को अपने स्वयं के जेट विमानों को तैनात करना पड़ा है। लेकिन ईएससीयू की रिपोर्ट में सामने आया हैं कि इस बात की प्रबल संभावना है कि रूस द्वारा भारतीय एडिटिव्स का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया गया हो, जो कि एसयू-34 और एसयू-35एस जैसे जेट विमानों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए इनका इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है। जांच में सामने आया हैं कि मॉस्को द्वारा आयातित ईंधन एडिटिव्स के कुल टन भार के लगभग आधे के लिए भारतीय कंपनियां जिम्मेदार थीं, जो कुल मूल्य का एक-तिहाई है। ईएससीयू ने कहा कि रूस ने कम से कम 2,456.36 टन भारत में निर्मित ईंधन योजक उत्पादों का आयात किया, जिसका मूल्य 12,956,088.62 डॉलर था, जो आयातित कुल टन वजन (49.58 प्रतिशत) का लगभग आधा था। सबसे प्रमुख निर्यात भारतीय कंपनी परफेक्ट ट्रेडर्स एंड मोल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया, जो पेट्रोकेमिकल उत्पादों और विमानन स्पेयर पार्ट्स व उपकरणों की आपूर्तिकर्ता है, जिसने 1,885 टन ईंधन योजकों की आपूर्ति की। दस्तावेजों से पता चला है कि रासायनिक उत्पादों की एक अन्य भारतीय निर्माता, थर्मैक्स लिमिटेड ने अपने 287 टन योजकों का उत्पादन किया और रूसी आयातक काप्रोन एलएलसी को 1.3 मिलियन डॉलर में बेचा। आशीष/ईएमएस 14 अक्टूबर 2025