नई दिल्ली (ईएमएस)। देश के कई राज्यों में जहरीले कफ सिरप से कथित तौर पर करीब दो दर्जन बच्चों की मौत हो गई। इससे डब्ल्यूएचओं की चिंता बढ़ गई है। इस पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने 3 कफ सिरप को लेकर चेतावनी दी है। इसमें जहरीला कोल्ड्रिफ सिरप भी शामिल है, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के छिंदबाड़ा में बच्चों की मौतें हुई हैं। डब्ल्यूएचओ ने सभी अथॉरिटीज से कहा है कि देश में अगर कहीं भी ये सिरप दिखाई दें तो तत्काल हेल्थ एजेंसी को रिपोर्ट करें। ग्लोबल हेल्थ एजेंसी ने श्रीसन फार्मा की कोल्ड्रिफ, रेडनेक्स फार्मा की रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा की रिलाइफ सिरप के कुछ विशेष बैचों की पहचान की है, जिनमें मिलावट पाई गई है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ये सिरप स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरे पैदा कर सकते हैं और कई गंभीर व जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकते हैं। जांच में खांसी के इन सिरपों में डायथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) नाम का जहरीला कैमिकल भारी मात्रा में पाया गया है। जो एक रंगहीन और गंधहीन रसायन है, इसका उपयोग सिरप को मीठा करने के लिए किया जाता है। जबकि इसका उपयोग मानव उपभोग के लिए नहीं किया जा सकता है। बता दें कि कोल्ड्रिफ का उत्पादन तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल निर्माता द्वारा किया गया था। प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चला कि सिरप में डायथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा 48.6 प्रतिशत थी, जो भारतीय अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन दोनों द्वारा निर्धारित 0.1प्रतिशत की स्वीकृत सीमा से बहुत ज्यादा थी। इसके अलावा गुजरात में रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित रेस्पिफ्रेशटीआर कफ सिरप 1.342 फीसदी डीईजी से दूषित पाया गया और गुजरात में शेप फार्मा द्वारा निर्मित रिलाइफ कफ सिरप में भी 0.616 फीसदी डीईजी पाया गया है। डब्ल्यूएचओ की इस चेतावनी से पहले ही भारत में इन 3 सिरपों को बैन कर दिया गया है। हाल ही में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित भी किया था कि इन तीनों ही सिरप को सभी मेडिकल स्टोर्स से वापस मंगा लिया गया है और निर्माताओं को इनका उत्पादन रोकने का आदेश दिया गया है। हालांकि भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कर खांसी का सिरप प्रिस्क्राइब करने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी है साथ ही कहा है कि जो सिरप आमतौर पर 5 साल तक के बच्चों के लिए प्रिस्क्राइब नहीं किया जाता है उसे किसी भी कीमत पर 2 साल से कम उम्र के बच्चों को न दिया जाए। वीरेंद्र/ईएमएस/14अक्टूबर2025