लंदन (ईएमएस)। वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन के प्रसिद्ध जूरासिक कास्ट से एक बेहद दुर्लभ और अद्भुत जीवाश्म खोजा है। वैज्ञानिकों की इस खोज ने डायनासोर युग के समुद्री जीवन के अध्याय को नया मोड़ दे दिया है। वैज्ञानिकों द्वारा इस जीव का नाम एक्सफोड्राकोन गोल्डनकापेंसिस रखा गया है, जिसे प्यार से ‘स्वॉर्ड ड्रेगन ऑफ डोरसेट’ कहा जा रहा है। यह प्राचीन समुद्री जीव एक इथ्योसोरस था, जिसकी लंबाई लगभग तीन मीटर थी और उसकी लंबी तलवार जैसी नाक ने इसे विशेष पहचान दी। रोचक बात यह है कि इस जीवाश्म की खोज 2001 में डॉरसेट के गोल्डन केप इलाके में फॉसिल कलेक्टर क्रिस मूर ने की थी, लेकिन इसकी सही पहचान और महत्व लगभग 24 साल बाद ही सामने आया। यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के डॉ. डीन लोमैक्स और अंतरराष्ट्रीय पैलियंटोलॉजिस्ट्स की टीम ने इसका विस्तार से अध्ययन किया। वर्तमान में यह जीवाश्म रॉयल आटारियो म्यूजियम, कनाडा में संरक्षित है और वहीं इसका डीटेल्ड एनालिसिस किया गया। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह प्लीएंसचियन पीरियड (लगभग 19 करोड़ साल पुराना) का अब तक का सबसे पूरा और संरक्षित समुद्री जीवाश्म है।स्वॉर्ड ड्रेगन की संरचना बेहद दिलचस्प है। इसका सिर लंबा और आंखों का सॉकेट विशाल था, जबकि नाक तलवार जैसी पतली थी। अध्ययन में इसके दांतों और हड्डियों पर चोटों के निशान भी मिले, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह जीव कभी किसी बड़े समुद्री शिकारी का शिकार बना था या किसी बीमारी से जूझ रहा था। जर्मनी के स्टेट म्यूजियम ऑफ नेचूरल हिस्ट्री स्टूटगार्ट की डॉ. एरिन मैक्सवेल ने बताया कि इसके सिर पर बड़े शिकारी के काटने के निशान पाए गए, जो इस जीव के संघर्ष और जीवन की कठिनाइयों को दर्शाते हैं। वैज्ञानिक प्रोफेसर जुडी मासेयर के अनुसार, हजारों इथ्योसोरस जीवाश्म मिले हैं, लेकिन प्लीएंसचियन काल के इतने पूरे जीवाश्म बेहद दुर्लभ हैं। एक्सीफोड्राकॉन इस काल के समुद्री प्रजातियों के संक्रमण और विकास की प्रक्रिया में वह ‘खाली अध्याय’ भरता है, जिसे अब तक समझा नहीं गया था। इस जीव का नाम ‘स्वॉर्ड ड्रेगन’ ग्रीक शब्दों ‘एक्सीफो’ यानी तलवार और ‘ड्राकॉन’ यानी ड्रैगन से लिया गया है। पिछले 200 सालों से इथ्योसोरस को समुद्री ड्रैगन कहा जाता रहा है। सुदामा/ईएमएस 15 अक्टूबर 2025