राष्ट्रीय
15-Oct-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। योगासन एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है जो मानसिक शांति और बेहतर नींद दोनों प्रदान कर सकता है। कुछ आसान योगासन, जिन्हें आप रोजाना अभ्यास में शामिल कर सकते हैं, आपकी नींद की गुणवत्ता सुधारने और तनाव कम करने में मदद करते हैं। आयुष मंत्रालय के अनुसार, वज्रासन खाने के बाद भी किया जा सकता है और शरीर के रक्त संचार को बेहतर बनाता है। बेहतर रक्त प्रवाह से पाचन तंत्र को राहत मिलती है, जिससे एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं कम होती हैं, जो नींद में बाधक बन सकती हैं। वज्रासन में घुटनों के बल बैठें, पैर की उंगलियों को एक-दूसरे से मिलाएँ और एड़ियों को अलग रखें। शरीर को सीधा रखते हुए आंखें बंद करें और सांस पर ध्यान दें। पांच से दस मिनट तक इस आसन को करने से पेट को आराम मिलता है, पीठ के निचले हिस्से का दर्द कम होता है और नींद जल्दी आती है। यष्टिकासन शरीर और मन दोनों को आराम देता है। पीठ की मांसपेशियों को खिंचाव देता है और तनाव को कम करता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं, पैरों को फैलाएं और हाथों को शरीर के बगल में रखें। फिर हाथों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर जमीन पर फैलाएं और छह सेकंड तक स्थिति बनाए रखें। इसे चार-पांच बार दोहराएं। यह आसन मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और नींद के लिए मानसिक तैयारी करता है। भद्रासन मानसिक शांति और निचले हिस्से में रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसमें दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर तलवों से मिलाएँ और घुटनों को धीरे फर्श की ओर दबाएँ। हाथों को पेट पर रखकर गहरी और आरामदायक सांस लें। जांघ की मांसपेशियों का खिंचाव और मन की स्थिरता बेचैनी को दूर करती है और नींद के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है। इन योगासनों का नियमित अभ्यास न केवल शरीर को शांति देता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी दूर करता है। गहरी नींद और दिनभर तरोताजा रहने के लिए वज्रासन, यष्टिकासन और भद्रासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहद फायदेमंद साबित होगा। मालूम हो कि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, चिंता और बेचैनी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। नींद न आना, सोते समय बेचैनी महसूस होना और दिनभर थकान बनी रहना अब सामान्य हो गया है। कई लोग इस स्थिति से निपटने के लिए महंगी दवाइयों और इलाज का सहारा लेते हैं, लेकिन असर सीमित रहता है। सुदामा/ईएमएस 15 अक्टूबर 2025