राष्ट्रीय
15-Oct-2025
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जयपुर (ईएमएस)। उदयपुर शहर से मात्र आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेदला माता मंदिर धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन चुका है। बेदला माता मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से पूजनीय है, बल्कि अपने शांत वातावरण और पारंपरिक राजस्थानी परिवेश के कारण पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। मंदिर में विराजमान सुखदेवी माता, जिन्हें बेदला माता कहा जाता है, भक्तों की बीमारियाँ दूर करने और निसंतान दंपतियों को संतान सुख देने के लिए प्रसिद्ध हैं। नवरात्रि के दौरान मंदिर का माहौल अत्यंत भव्य हो जाता है, जब मेवाड़ क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ढोल-नगाड़ों, भजनों और देवी जागरण की गूँज पूरे इलाके को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है। इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना 15वीं सदी में राव चंद्रभान सिंह ने करवाई थी। बाद में महाराणा फतेहसिंह ने इसका जीर्णोद्धार कराया। राजस्थानी स्थापत्य कला का यह उत्कृष्ट उदाहरण है लाल पत्थरों की दीवारें, नक्काशीदार दरवाज़े और पारंपरिक शिल्पकला इसकी विशिष्ट पहचान हैं। आसपास के हरित पहाड़ और प्राकृतिक सुंदरता इसे फोटोग्राफी और हेरिटेज वॉक के लिए भी उपयुक्त बनाते हैं। पर्यटक मंदिर दर्शन के साथ-साथ बेदला गांव का ग्रामीण जीवन और स्थानीय संस्कृति का अनुभव भी ले सकते हैं। यहां के लोक कलाकार, हस्तशिल्प निर्माता और पारंपरिक व्यंजन परोसने वाले परिवार आगंतुकों को प्रामाणिक अनुभव प्रदान करते हैं। नवरात्रि में लगने वाले हाट-बाजार और लोक मेले पर्यटकों को हस्तनिर्मित वस्तुएँ, धार्मिक प्रतीक और पारंपरिक आभूषण खरीदने का अवसर भी देते हैं। मंदिर तक पहुँचने के लिए उदयपुर शहर से सड़क मार्ग द्वारा मात्र 15–20 मिनट का समय लगता है। उदयपुर रेलवे स्टेशन और महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से यह स्थल आसानी से पहुँचा जा सकता है। परिसर में पार्किंग, प्रसाद की दुकानें और छोटी धर्मशालाएँ भी उपलब्ध हैं। बेदला माता मंदिर उन यात्रियों के लिए आदर्श स्थान है जो उदयपुर की झीलों और महलों से आगे बढ़कर इसकी आध्यात्मिक विरासत को महसूस करना चाहते हैं। इसकी शांति, लोककथाएँ और श्रद्धा का भाव हर पर्यटक को आत्मिक अनुभव प्रदान करता है। इस नवरात्र उदयपुर की यात्रा की योजना बनाते समय बेदला माता मंदिर को अपने कार्यक्रम में अवश्य शामिल करें, यह न केवल विश्वास को गहराई देगा, बल्कि आपको राजस्थान की धार्मिक और सांस्कृतिक आत्मा से भी जोड़ देगा। मालूम हो कि राजस्थान के उदयपुर शहर को इसकी झीलों, महलों और सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरी दुनिया जानती है, लेकिन यहां की धार्मिक आस्था और लोक संस्कृति भी किसी से कम नहीं है। इसी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर में बेदला माता मंदिर का विशेष स्थान है। सुदामा/ईएमएस 15 अक्टूबर 2025