राज्य
15-Oct-2025
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- सडक़ सुरक्षा कार्यशाला में बोले भोपाल (ईएमएस) । राज्य प्रशासन अकादमी में मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सडक़ सुरक्षा कार्यशाला में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने सडक़ सुरक्षा से संबंधित संजय ऐप लॉन्च किया और आईआईटी मद्रास द्वारा तैयार सडक़ सुरक्षा रिपोर्ट का विमोचन किया। कार्यक्रम में लोक निर्माण विभाग द्वारा आईआईटी मद्रास और सेव लाइफ फाउंडेशन के साथ सडक़ सुरक्षा के लिए दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार सडक़ दुर्घटनाओं में हो रही जनहानि को रोकने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 9 हजार किलोमीटर लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जहां हादसों की दर अधिक है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है सडक़ हादसों में होने वाली मौतों को न्यूनतम करना और मध्यप्रदेश को सुरक्षित यात्रा राज्य के रूप में स्थापित करना। उन्होंने बताया कि सरकार ने हादसे के बाद घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचाने वाले नागरिकों को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ठोस कार्ययोजना बनाएं और सडक़ सुरक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में प्रस्तुत करें। सडक़ों का बेहतर नेटवर्क आवश्यक मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत को सुरक्षित और सशक्त बनाने के लिए सडक़ों का बेहतर नेटवर्क आवश्यक है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वर्णिम चतुर्भुज जैसी योजनाओं से देश की दिशा तय की थी, और अब उस पर तेज गति से काम हो रहा है। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कार्यक्रम में कहा कि सडक़ सुरक्षा केवल कानून का विषय नहीं, बल्कि जीवन की रक्षा से जुड़ी सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हेलमेट और सीटबेल्ट चालान से बचने के लिए नहीं, बल्कि अपनी जान बचाने के लिए पहनें। उन्होंने बताया कि अमेरिका में भारत की तुलना में अधिक एक्सीडेंट होते हैं, लेकिन वहां मौतों का प्रतिशत बहुत कम है, क्योंकि लोग नियमों का पालन करते हैं। जैन ने बताया कि राज्य के पांच प्रमुख विभाग मिलकर ‘जीरो डेथ रोड सेफ्टी मिशन’ पर काम कर रहे हैं। उन्होंने समाज से भी अपील की कि वे सडक़ सुरक्षा के प्रति सजग रहें और दूसरों को जागरूक करें।