लेख
16-Oct-2025
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l वक़्त एक जैसा नहीं रहता राज क़ो रंक बनने में एक पल नहीं लगता अहंकार त्याग देना चाहिए l आदमी ताउम्र साम, दाम, दंड, भेद, जैसे हथकंडे अपनाकर पैसा इकट्ठा कर रहा हैं l आज लोग संवेदनहिन् हो गया हैं कौन जी रहा कौन मर रहा कोई सरोकार नहीं है l संवेदना मृतप्राय हो चुकी हैं l आधुनिक मानव स्वार्थ व मतलब तक सीमीत हो गया है l यह बहुत ही त्रासदी है l संस्कारों का अंतिम संस्कार होता जा रहा है l नैतिक मूल्यों का पतन हो चूका है l नैतिकता नाम की कोई चीज नहीं है लोग नैतिकता की अदालत में हार् रहे हैं l समाज के बुद्धिजीवी लोगों क़ो मंथन करना होगा नैतिक मूल्य क़ो बरकरार रखना होगा तभी समाज में नैतिकता बनी रहेगी l मंज़िल सबकी मौत है फिर यह नफ़रत, भेदभाव क्यों यह मोह माया क्यों जब पता है की एक दिन इस नशवर संसार से रुख़सत होना है तो यह गिले शिकवे क्यों l मानव ताउम्र भटकता रहता है धनलीपसा में मशगुल रहता हैं उल्टा सीधा काम करके माया क़ो इक्क्ठा कर रहा है आदमी क़ो पता है की यहाँ क़ोई अमर नहीं है l अच्छे कर्म कीजिये यही असली कमाई है lमौत का एक दिन मुकरर है मौत सबको आएगी अमर कोई नहीं रहा l आधुनिक मानव जर, जोरू, जमीन के लिए अपनों का खून कर रहा है रिश्तों का कत्लेआम कर रहा हैं l खुनी रिश्ते खत्म होते जा रहे हैं l इंसान क़ो कोई नहीं गिरा सकता इंसान ही इंसान क़ो गिरा रहा है l खुनी रिश्ते दरक रहे हैं इन रिश्तों क़ो बचाना चाहिए l अपने ही काम आते हैं दूसरे तमाशा देखते हैं l आज हालात बहुत ही खराब होते जा रहे हैं लोग सोशल मीडिया व व्हाट्सप्प पर व्यस्त रहते हैं चौबीस घंटे भी कम पड़ते जा रहे हैं अपनों के लिए समय ही नहीं हैं समय का अभाव होता जा रहा हैं l अपने ही काम आएंगे गैर तमाशा देखेंगे lअपनों से मनमुटाव हैं मगर सात समंदर पार अजनवी के लिए समय ही समय हैं अपनों का कभी हाल नहीं पूछते लेकिन अजनबी लोगों की पल पल की खबर ली जाती हैं अपना आस पड़ोस ही काम आएगा विदेशी नहीं काम आएगा l आज लोग एक दूसरे से बेबजह ही दुश्मनी रखते है l किसी का आदर सम्मान नहीं करते उल्टा अपमान करते है l आदमी क़ो अपना अतीत नहीं भूलना चाहिए क्यूंकि अतीत की परछाईयां मरते दम तक पीछा करती हैं l गरीबों का हक छिना जा रहा हैं लेकिन जब गरीब की बद्दुआ लगती है तो लोहा भी भस्म हो जाता हैं इसलिए गरीब क़ो मत सताओ l ईश्वर सजा जरूर देता हैं l आज मानव दिन रात अकूत धन् कमा रहा हैं लेकिन पल भर की खबर नहीं हैl आज लोग दूसरों के रास्ते में कांटे बिछाते हैं लेकिन एक दिन ऐसे लोगों क़ो उनके कर्मो की सजा जरूर मिलती हैं कर्म अनिश्चित हैं लेकिन फल निश्चित हैं l मानव क़ो ऐसे कर्म करने चाहिए की समाज याद कर सके l ऐसे लोगों की सहायता कीजिये जो जरूरत मंद हैं l ईएमएस/16/10/2025